गर्भाशयनलिका के
अवरोध का ईलाज
गर्भाशयनलिका अवरोध को इंग्लिश में tube
blok भी कहते है | इस बीमारी में महिलाओं का गर्भ नहीं रुकता है | और वे संतान
से वंचित रह जाते है | समाज में इन स्त्रियों को सम्मान की दृष्टी से नहीं देखा
जाता है | इसलिए स्त्रियाँ मानसिक रूप से कमजोर हो जाती है | और बहुत कष्ट सहन
करती है | इन सभी परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है | इस बीमारी का आयुर्वेद में
ईलाज संभव है | जो इस प्रकार है | दी गई दवाई का प्रयोग केवल किसी अनुभवी चिकित्सक से परामर्श के बाद ही करे, क्योकि प्रत्येक शरीर की क्षमता अलग अलग होती है इसलिए हमारे द्वारा बताई गये दवा भी आपकी किस आयुर्वेदाचार्य से परामर्श के बाद ही लेनी चाहिए,
सामग्री
काला तिल का चूर्ण (kale til ka churan) :- ३० ग्राम
गाजर के बीज का चूर्ण (gajar ke beej) :- ५० ग्राम
सोंठ का चूर्ण (saunth ka churan):- ५० ग्राम
अजवाइन का चूर्ण (Ajwaen ka churan) :- २५ ग्राम
इन सभी को आपस में मिलाकर एक मिश्रण तैयार करे | और इनकी बराबर मात्रा की ६०
पुड़ियाँ बनाकर किसी वात रहित डिब्बे में बंद करके रख दें | रोजाना एक पुड़ियाँ सुबह
, एक पुड़ियाँ शाम के समय भोजन करने से आधा घंटा पहले खाएं | इन औषधियों को ताज़े पानी के साथ , शहद
के साथ , या मलाई के साथ खाएं | यदि इस औषधि को गाय के दूध के साथ खाया जाए तो
बहुत फायदा मिलता है |
सामग्री
स्त्री रसायन वटी (stri rasayan vati) :- ६० ग्राम
चन्द्रप्रभा वटी (chandra prabha vati) :- ६० ग्राम
रज: प्रवर्तनी वटी (raj parvartani vati) :- ४० ग्राम
इन चमत्कारी आयुर्वेदिक औषधि की एक –
एक गोली दिन में दो बार खाना खाने से पहले हल्के गर्म पानी के साथ खाएं |
सामग्री
दशमूलारिष्ट (dashmool rist) :- ४५० मिलीलीटर
पत्रांगसव (patransav) :- ४५० मिलीलीटर
No comments:
Post a Comment