हंसासन
आपने कई आसनों के बारे में सुना होगा तथा उसे कर के देखा होगा, ऐसे ही हम आपको
एक आसन के बारे में बताने जा रहे है उसका नाम है हंसासन. हंसासन एक ऐसा आसन है
जिसको करते समय मनुष्य के शरीर की आकृति हंस जैसी दिखाई देती है इसलिए इसे हंसासन
कहा जाता है. ये आसन करने में थोडा सा कठिन जरुर है लेकिन शरीर के लिए विशेष कर हाथों के लिए अधिक
लाभदायक है.
विधि – स्टेप 1. सबसे पहले अपने दोनों हाथों को भूमि पर रखकर सांस पूरी तरह से
बाहर निकाल दे तथा अपने शरीर को बिल्कुल हल्का कर लें.
स्टेप 2. अपने घुटनों को अपनी कोहनियों के ऊपर रखते हुए ये ध्यान रखें कि आपकी
कोहनियाँ शरीर की तरफ होनी चाहिए.
स्टेप 3.अपने पूरे शरीर का भार अपने हाथों पर देते हुए शरीर को ऊपर की ओर उठाए
तथा आपके शरीर की आकृति हंस जैसी दिखाई देगी.
स्टेप 4. जब आपको इस आसन को करते-करते दो से तीन महीने हो जाए तथा क्रिया करने
में कोई कठिनाई महसूस न हो तब आप इसी अवस्था में अपनी नाक को समतल जमीन से लगाने
का अभ्यास करें तथा अपनी पुरानी क्रियाओं को छोड़कर इस आसन की नई क्रियाओं को करने
अभ्यास बार-बार करें इससे आपके शरीर को अधिक लाभ प्राप्त होगा.
लाभ – इस आसन का अभ्यास करने से आपके हाथ की मांसपेशियां पुष्ट व ताकतवर
बनेगी.
2. इस आसन का प्रयोग कब्ज, वात पित्त, गुल्म इत्यादि रोगों को दूर करने में भी
किया जाता है.
3.ये आसन महिलाओं के अन्दर के यौनांगों के अन्य रोगों से मुक्ति दिला देता है.
4.इस आसन का रोजाना अभ्यास करने से रक्त नली सही रूप से कार्य करने लगती है.
5.हंसासन हमारे शरीर को फुर्तीला बना देता है साथ ही हमारे चेहरे की सुन्दरता
को भी बढ़ा देता है.
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