चिकनगुनिया | Chikungunya Ke Karan

चिकनगुनिया /  चिकिनगुनिया / चिकुनगुनिया

चिकनगुनिया की बीमारी कोई खतरनाक बीमारी नहीं होती | किन्तु यदि इस बीमारी का समय पर पता नहीं लगता है तो यह बीमारी खतरनाक हो सकती है | इसका वायरस हमारे शरीर में खून के द्वारा  फैलता है | और धीरे – धीरे इसकी संख्या में बढ़ोतरी होती जाती है जिसके कारण हमारे शरीर को क्षति व नुकसान पहुँचता है | इस बीमारी का आयुर्वेदिक तरीके से ईलाज किया जा सकता है |

चिकनगुनिया  का कारण : -

मादा एडीस मच्छर  के काटने से यह बीमारी फैलती है और हमारी प्लाज्मा झिल्ली को नुक्सान पहुचाती है.

संकर्मण प्रक्रिया : -

धीरे धीरे ये वायरस हमारे शरीर की सभी कोशिकाओं को प्रभावित करता है ,

चिकनगुनिया फैलने की प्रक्रिया :-

संकर्मित व्यक्ति को जब मच्छर काटता है तो वायरस उस मच्छर में प्रवेश करता है , और फिर जब वो मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो वो स्वस्थ व्यकित भी वायरस की जकड़ में आ जाता है.
चिकनगुनिया


चिकनगुनिया बीमारी के लक्षण : -

पुरे शरीर में दर्द रहना , भूख कम लगना , बुखार रहना , उलटी , वमन या दस्त की शिकायत रहना ,

सामग्री :-   
१. ज्वरनाशक क्वाथ :-  १०० ग्राम
२. सर्वकल्प  क्वाथ  :- २०० ग्राम

इन दोनो औषधियों को आपस में मिलाकर मिश्रण बना लें | फिर किसी बर्तन में ४०० मिलीलीटर पानी ले और इस पानी में एक चम्मच औषध को मिलाकर धीमी – धीमी आंच पर पकाने के लिए रख दें , इसको पकाने के लिए यदि आपकी मिटटी या लोहे का बर्तन मिले तो उत्तम होगा | जब इसका पानी १०० ग्राम बच जाए | तो इसे सूती वस्त्र से छानकर खाली पेट सुबह और शाम पीने से चिकिनगुनिया का रोग ठीक हो जाता है |
Chikungunya Ke Karan
Chikungunya Ke Karan 

३.
गोदंती भस्म :- १० ग्राम
४. स्फटिक  भस्म :- ५ ग्राम
५. प्रवालपंचामृत   :- ५ ग्राम
६. स्वर्णमाक्षिक   :- ५ ग्राम
७. बृहत वातचिंतामणि  रस   :-  १-२ ग्राम

 ८. इन सभी औषधियों को आपस में मिलाकर एक मिश्रण बना लें | और इस मिश्रण की बराबर मात्रा में बीस पुड़ियाँ बना लें | और रोजाना सुबह – शाम एक – एक पुडिया हल्के गर्म पानी के साथ खा ले | इस औशधि को शहद या गाय के दूध के साथ सेवन करने से भी चिकनगुनिया का रोग ठीक हो जाता है |
३  कैशोर गूगल   :- ४० ग्राम
अरोग्य्वार्धानी  वटी   :- ४० ग्राम
महासुदर्शनघन  वटी :-   ४० ग्राम

चिकुनगुनिया
चिकुनगुनिया का कहर 

इन जड़ी बूटियों को मिलाकर छोटी छोटी गोलियां बना ले और एक – एक गोली सुबह और शाम ताज़े पानी के साथ खाने से भी पीड़ित व्यक्ति का रोग ठीक हो जाता है |

गिलोयघन  वटी :-  ४० ग्राम


इसकी रोजाना एक – एक गोली हमारे बनाए हुए ज्वर नाशक क्वाथ के साथ लेने से भी चिकनगुनिया का रोग ठीक हो जाता है | इन गोलियों को सुबह और शाम के समय लें |

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