वज्रासन
आमतौर पर हम सभी जानते है कि योग का हमारे जीवन में
क्या महत्व है. 21 जून को पूरे विश्व में
योग दिवस मनाया गया. लेकिन फिर भी बहुत
सारे लोग योग की महता को नहीं कबूल करना चाहते है लेकिन इन लोगों को ये नहीं पता
कि योग अनेक बीमारी का समाधान है और जिस तरह से हमें अधिक बुखार होने पर दवाई की
जरूरत होती है उसी प्रकार से अपने शरीर को फुर्तीला और निरोग बनाने के लिए हमें
योग की आवश्यकता होती है योग हमें स्वस्थ तो रखता ही है साथ ही अन्य दूसरी बिमारियों
से मुक्ति भी दिलाता है योगासन कई प्रकार के होते है उनमें से एक है वज्रासन, वज्रासन से अभिप्राय होता
है मजबूत अथवा कठोर| ये हमारे शरीर को पुष्ट एव शक्तिशाली बनाता है तथा हमारे
शरीर के पाचन तंत्र के सबसे अधिक लाभ पहुंचता है इसलिए इसे वज्रासन कहते है, ‘वज्रासन’ आसन को हम किस तरह से
प्रयोग कर सकते है तो आइये देखते है वज्रासन की प्रयोग विधि-
wajan ghatane ke tips in hindi |
विधि – स्टेप 1. समतल अथवा सपाट जमीन पर चटाई या कालीन
बिछा लो.
स्टेप 2. अब अपनी दोनों पैरों को मोड़कर इस तरह से बैठे जिससे आपके पैर के तलवे आपके
नितम्ब के नीचे आ जाए तथा ये ध्यान रखें कि आपके पैर के अंगूठे से लेकर घुटनों तक
का पूरा भाग जमीन से सटा रहें.
स्टेप 3. वज्रासन को करते समय आपके पैर नितम्ब
के नीचे होने चाहिए और जांघें पिण्डलियों पर, अपने
सिर और मेरुदण्ड(अपनी रीढ़ की हड्डी) को सीधा रखें और अपने दोनों हाथों को बिल्कुल
सीधा करके अपने घुटनों पर रखें तथा अपनी आखों को सामने की तरफ रखते हुए इस क्रिया
को करें.
विशेष – ये अकेला ऐसा योगासन है जो खाना खाने के 5 या 10
मिनट के बाद कर सकते है इस आसन के अनेक
प्रकार के लाभ है तथा कुछ सावधानियाँ है जो हमें इस आसन को करते समय ध्यान में
रखनी पडती है.
How to Do Vajrasana |
सावधानियाँ – 1.जिन मनुष्य को जोड़ों में दर्द बना रहता है उन
मनुष्य को ये आसन का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए.
2. जिस भी व्यक्ति या महिला को एडी से जुड़ा कोई
भी रोग हो तो उन्हें वज्रासन नहीं करना चाहिए.
3. वज्रासन करते समय अगर आपको कमजोरी महसूस हो
रही हो या फिर कमर में दर्द तथा किसी भी प्रकार की कोई समस्या हो रही हो तो आप
वज्रासन की इस क्रिया को न
करें.
लाभ – 1.पीलिया रोग से पीड़ित व्यक्तियों के लिए
वज्रासन अधिक लाभदायक होता है इससे पीलिया की बीमारी जल्द ही ठीक हो जाती है.
2.वज्रासन को करने से हमारा शरीर पुष्ट तो बनता
ही है साथ ये हमारे घुटनों के दर्द की बीमारी से बचाता है परन्तु यदि दर्द हो तो
इस आसन को न करे , यह आसन भविष्य में होने वाले दर्द की रोकथाम करता है.
3.इस आसन का उपयोग मोटे से पतले होने के लिए भी
किया जाता है साथ ही और बढ़े हुए पेट को सामान्य कर देता है.
4. इस आसन को करने से पेट का कब्ज दूर हो जाता
है हमारा पाचन तंत्र सही ढंग से कार्य करने लगता है और पेट संबंधी सभी बिमारियों
से मुक्ति मिल जाती है.
5. वज्रासन हमारी आखों की रोशनी को बढ़ाता है और
मन को इधर-उधर भटकने से रोकता है.
6.वज्रासन ब्रह्मचर्य की रक्षा करता है और वीर्य
धारा नाड़ी को पुष्ट बनाता है. इस आसन के अभ्यास से वीर्य उर्ध्वगामी होता है और
शीघ्रपतन से मुक्ति मिलती है
7.आसन करने से रक्त की क्रिया सही रूप से काम
करने लगती है और शरीर सुन्दर व सुडौल बनने लगता है.
8. ऐसा कहा जाता है इस आसन को करते समय शरीर का
बीच वाला भाग सीधा रहने तथा साँसों की गति धीरे होने से उम्र बढती है
Vajrasan ek
sadharan sa yogasan hai prantu iske laabh anek hai, is aasan ko karne se hamare
body mein rakt ko sanchran bhali prakaar hota hai, blood circulate properly
hone lagta hai, vajrasan ek aisa yogasan hai jisko hum bhojan karne ke baad bhi
kar sakte hai. Vajrasan se hamara pachan tantra improve hota hai. Vajrasan se
hamari umar badh jaati hai. Sareer nirog or majboot , healthy hota hai. Is yoga
ko karne se virya gaada or urdhavgami ho jaata hai. Bhramcharya ki raksha karta hai, is aasan
mein hamare pair mude hue or hamara kullo or buttoks or nitambho ke neeche
hamare pairo ke talve hote hai. Motapa bhi kam karta hai, wajan ko control mein
karta hai, balanced sharer ke liye ye yogasan bhaut hi laabhkaari hai. how to learn vajrasana and yogasana or yoga
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