कई बार हम जाने अनजाने में ऐसे भोजन कर लेते है जिनसे हमे लाभ की अपेक्षा हानि अधिक हो जाती है , इस प्रकार के भोजन को विरुधाहार या विरुद्ध आहार कहते है , इस प्रकार के विपरीत भोजन करने से हमारे शरीर में कई प्रकार के रोग जन्म ले लेते है, इसलिए हमे ऐसा भोजन नहीं करना चाहिए जिससे हमे नुक्सान हो , और हमारी सेहत खराब हो जाये.
1.चावल के साथ :- चावल के
साथ हमे कभी भी सिरके का उपयोग नहीं करना
चाहिए | इसके उपयोग से स्वास्थ्य बिगड़ सकता है |
खाने पीने संबंधी विकार |
2.तरबूज के साथ :- पुदीने
और ठन्डे पानी का उपयोग करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है |
3.नमक :- इसे हमे उचित
मात्रा में खाना चाहिए | यदि इसकी मात्रा
अधिक हो जाती है तो इससे स्वास्थ्य बिगड़ सकता है |
4.तिल की पिट्टी के साथ :-
इसके साथ हमे पोई बनाकर नहीं खाना चाहिए | यह स्वास्थ्य के लिए अहितकर है |
5.मकोय के साथ :- जिस
बर्तन में मछली बनाई गई हो उस बर्तन में सारी रात रखे हुए मकोय का शाक नहीं खाना
चाहिए | इसके आलावा काली मिर्च , गुड व शहद , और पिपली का उपयोग करने से स्वास्थ्य
बिगड़ सकता है |
6.अंकुरित चने के साथ :-
कच्चे अंकुरित धान्य के साथ पके हुए भोजन
का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए | इसके अतिरिक्त हमे कमल नाल का भी प्रयोग नहीं करना
चाहिए | इसके प्रयोग से हम बीमार हो सकते है |
Khaan Paan or Sehat |
7.उड़द की दाल के साथ :-
दाल में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है | इसलिए हमे उड़द की दाल के साथ मूली का प्रयोग नहीं करना चाहिए |
8.केले के साथ :- इसके साथ
हमे मट्ठे का उपयोग नहीं करना चाहिए | इससे हम बीमार हो सकता है |
9.घी के साथ :- घी एक
चिकनाई वाला पदार्थ है , यदि इसे किसी कांसे के बर्तन में दस दिनों तक रखे तो यह
घी जहरीला हो जाता है | अतः इसके प्रयोग से हम बीमार हो सकते है |
10.
दूध , खिचड़ी और सुरे को मिलाकर नहीं खाना चाहिए | इसके
प्रयोग से हमारा स्वास्थ्य बिगड़ सकता है |
इस तरह एक प्रकार के भोजन में दुसरे प्रकार का भोजन मिलाकर
खाने से शरीर में अनेक बीमारी उत्पन्न हो जाती है | जिससे हम शारीरिक रूप से कमजोर
हो जाते है | अत: हमे भोजन को सही मात्रा में अपने शरीर को ध्यान में रखते हुए सोच
समझ कर करना चाहिए |
viruddh Aahaar or Bhojan |
एक भोजन के साथ विपरीत भोजन को खाने से बीमार न होने
वाले मनुष्य :-
जो व्यक्ति रोजाना सुबह उठकर व्यायाम योगासन और प्रणायाम करते है |
वो व्यक्ति बहुत कम बीमार होते है | उनके शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता अधिक
होती है | इसलिए प्रणायाम करने वाला व्यक्ति घी , दूध आदि पदार्थो का प्रयोग करने
से उनका शरीर बलवान बनता है | उनकी पाचन शक्ति बहुत मजबूत होती है | इस प्रकार वह
मनुष्य किसी भी पदार्थ के साथ कोई भी वस्तु मिलाकर खा सकता है इसके खाने से उनके
शरीर पर कोई भी बुरा असर नहीं होता | रोजाना योगासन और व्यायाम करने वाला मनुष्य
बहुत कम संख्या में बीमार होते है | और यदि बीमार हो जाता है तो वह जल्दी ठीक भी
हो जाता है |
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