आयुर्वेद में कुछ ऐसे भोजन पदार्थो का वर्णन किया गया है
जिनका अधिक सेवन करने से कौन कौन सी बीमारी होती है और उस बीमारी को ठीक करने के लिए
क्या – क्या घरेलू उपाय करने चाहिए | इन
सभी का वर्णन भी आयुर्वेद में किया गया है | कुछ मूलभूत जानकारी हम आपको दे
रहे है जिससे आप अपने स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते है. जैसे : -
- १. अधिक खट्टी मलाई खाने से हमारे शरीर के उपरी भाग यानी सीने में कफ ( बलगम ) का प्रकोप हो जाता है | जिसके करण हमे साँस लेने में परेशानी होती है | इसके उपचार के लिए धनिया या इलायची का उपयोग करना चाहिए | इनको चबा चबा कर खाने से या पानी में उबालकर पीने से आपको काफी लाभ मिलेगा .
अति भोजन से होने वाली शरीरिक समस्या का समाधान |
इसी तरह दही का सेवन करने से भी छाती में बलगम जमा हो जाता
है | इसे ठीक करने के लिए अदरक का रस और जीरा मिलाकर खाना चाहिए | इस प्रकार का
उपचार करके छाती में जमा बलगम निकल जाता है |
- २. पनीर को अधिक मात्रा में खा लिया जाए तो शरीर में पित्त का रोग और छाती में बलगम जमा हो जाता है | इस बीमारी को हम घर में मौजूद वस्तुओ से ठीक कर सकते है इसे ठीक करने के लिए थोड़ी सी काली मिर्च , लाल मिर्च को मिलाकर खा ले | इस विधि के उपयोग से इस रोग से छुटकारा मिल जाता है |
अति भोजन से उत्पन्न रोगों का इलाज |
- ३. कुल्फी का सेवन करने से छाती में कफ जम जाता है और इसके अधिक सेवन करने से हमारे रक्त संचरण को हानि होती है इससे ब्लडप्रेशर हाई हो जाता है | इसे रोग को लोंग और इलायची के उपयोग से ठीक कर सकते है |
- ४. जों , गेंहू और चावल खाने से शरीर में कफ जमा हो जाता है | इसे ठीक करने के लिए अलग – अलग उपाय है | जैसे :- यदि गेहूं के प्रयोग से कफ हो गया हो तो इसे ठीक करने के लिए अदरक का उपयोग करना चाहिए | जों से कफ हो गया है तो हल्दी , सरसों का बीज या जीरा का उपयोग करना चाहिए | और यदि चावल से शरीर में कफ हो गया हो तो थोड़ी सी लोंग और काली मिर्च मिलाकर खाने से कफ जैसी परेशानी से छुटकारा पाया जाता है |
ice cream khane se rog |
- ५. फली वाली सब्जियों के सेवन करने से पेट में गैस हो जाती है | खट्टी – खट्टी ढ्कारे आनी शरू हो जाती है | गैस के कारण अफारे आते रहते है | इसे ठीक करने के लिए थोडा सा लहसुन , लोंग काली मिर्च और लाल मिर्च की आपस में मिलाकर खाने से पेट से जुडी हुई समस्या ठीक हो जाती है |
- ६. बंदगोभी के अधिक सेवन करने से वात रोग हो जाता है इसे ठीक करने के लिए सूरजमुखी के तेल में हल्दी और सरसों के बीज को मंद आंच पर पकाकर खाने से वात का रोग ठीक हो जाता है |
- ७. लहसुन एक गर्म प्रकार का खाद्य पदार्थ होता है | इसके अधिक सेवन करने से पित्तकारक रोग उत्पन्न हो जाता है | इस रोग को ठीक करने के लिए नारियल के चूरे में थोडा सा निम्बू का रस मिलाकर खा लें | इस प्रकार के उपचार से पित्तकारक रोग ठीक हो जाता है |
- ८. सलाद में कई प्रकार के विटामिन होते है लेकिन इनका अधिक मात्रा में उपयोग शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है | इसे अधिक मात्रा में खाने से वातकारक बीमारी हो जाती है | इसे ठीक करने के लिए जैतून के तेल में निम्बू का रस मिलाकर पीने से इस रोग से छुटकारा मिल जाता है |
- ९. आलू और प्याज का उपयोग हर घर मे आमतोर पर किया जाता है क्योंकि आलू में शर्करा और विटामिन की मात्रा होती है | जो हमारे शरीर को ताकत देता है | लेकिन इनका उचित मात्रा में प्रयोग करना चाहिए | यदि इनका उचित मात्रा में प्रयोग नहीं करेंगे तो हम रोगों का शिकार हो सकते है |
aalu ke adhik sevan se utpann hone wale rog ka gharelu ilaj, |
- आलू का अधिक सेवन करने से वत्त्कार्क नामक रोग हो जाता है |इसे ठीक करने के लिए काली मिर्च के साथ थोडा सा घी मिलाकर खाना चाहिए | इसके आलावा प्याज के सेवन से दाहकारक रोग हो जाता है यदि आप प्याज खाते समय उसपर नमक और नीम्बू रस प्रयोग करते है तो इस रोग से बाख सकते है | इस रोग को ठीक करने के लिए नमक , निम्बू और दही इन तीनो को मिलाकर इसमें थोड़े से सरसों के बीज मिला ले | इस प्रकार एक मिश्रण बना लें और इसे खाना खाने के बाद खा लें | इस प्रकार के उपचार से दाहकारक रोग ठीक हो जाता है |
टमाटर के अधिक उपयोग से मानव के शरीर में कफ या
बलगम जम जाता है निम्बू के रस में जीरा मिलाकर पीने से ये बीमारी ठीक हो जाती है |
नाशपाती और माख्न्न फल के अधिक सेवन करने से कफ जमा हो जाता
है | इसके आलावा केले से भी कफ जमा हो जाता है | इसे ठीक करने के लिए हल्दी ,
निम्बू , लहसुन या काली मिर्च का उपयोग करना चाहिए | इससे शरीर में जमा हुआ कफ
बाहर निकल जाता है और कफ का रोग ठीक हो जाता है |
वैसे तो आम को फलों का राजा कहा जाता है | परन्तु आम का
अधिक सेवन करने से पेट से जुडी हुई समस्या हो जाती है | इससे अतिसार नामक रोग
हो जाता है | इलायची का सेवन करने से इस रोग
से छुटकारा मिल जाता है |
adhik moongfali khaane se hone wale rog or unka upchaar |
मूंगफली के अत्यधिक सेवन से वातहर और पित्तकारक हो
जाता है | लेकिन इस रोग का उपचार हम मूंगफली द्वारा ही किया जा सकता है | थोड़ी सी
मूंगफली को किसी बर्तन में भिगोकर रख दे | और सुबह उठकर निराहार भीगी हुई मूंगफली
का सेवन करे | इस उपयोग से वातकारक और पित्तकारक रोग से छुटकारा मिल जाता है |
इसके आलावा मूंगफली का मक्खन खाने से गुरु ,
पित्तकारक और और शुलकारक रोग हो जाता है | अदरक और भुना हुआ जीरे का चूर्ण मिलाकर खाने से इन सभी
रोगों से छुटकारा मिल जाता है |
अलग – अलग प्रकार की शराब या नशे वाले पदार्थ का सेवन करने
से मनुष्य को ब्लडप्रेशर हाई हो जाता है |
जिसके करण उसे बहुत पसीना आने लगता है | ऐसी अवस्था में मनुष्य को एक चोथाई जीरा
या एक – दो इलायची चबा लें | इस प्रकार के उपचार से वह ठीक हो जाता है |
काली चाय , कोफ़ी और चोकलेट से भी ब्लडप्रेशर हाई हो जाता है
| ब्लडप्रेशर हाई को नार्मल करने के लिए अदरक , जायफल को पीसकर बारीक़ चूर्ण बना ले
और इनका सेवन करे | इसके आलावा इलायची या जीरे का भी उपयोग कर सकते है |
मक्का से निर्मित पोपकोन , लावा अथवा फुटेहरा का प्रयोग रुक्षता और
वातकारक होता है | इसे ठीक करने का एक ही उपाय है थोड़े से गुनगुने दूध में घी डाले
और इसका सेवन करे | खाना खाने के बाद इसका उपयोग करे |
तम्बाकू खाने से होने वाले रोग |
तम्बाकू के अधिक सेवन से मनुष्य की छाती में कफ
या पित्त जम जाता है और ब्लडप्रेशर है भी हो जाता है | जो हमारी सेहत के लिए बहुत
हानिकारक है |ऐसी अवस्था में हमे ब्रह्मी , वचा की जड़ का उपयोग करना चाहिए | इसका
उपचार हम अजवायन के बीजो द्वारा भी कर सकते है |
इसलिए हर एक मनुष्य को भोजन सही मात्रा में और ताज़ा भोजन का
सेवन करना चाहिए | जिसे खाने से मनुष्य को किसी भी प्रकार का रोग न लग सके | और
यदि भोजन में सावधानी करने के बाद भी मनुष्य यदि बीमार हो जाता है तो उसे अपने
आहार – विहार पर जरूरत से ज्यादा ध्यान देना चाहिए | और हो सके तो डॉक्टर की भी
सलाह लें |
No comments:
Post a Comment