हेमकुंड सिखों का धार्मिक स्थान |
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हेमकुण्ड एक पवित्र झील, |
हेमकुंड साहिब भारत के उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित एक
धार्मिक स्थान है | यह बर्फानी झील हिमालय की सात पहाड़ियों के बीच में स्थित है | माना
जाता है कि सात पहाड़ों पर निशान साहब झूलते है | इस झील तक जाने के लिए हमे गोबिंदघाट
के रास्ते से पैदल चल कर जाना होगा | इस स्थान पर हेमकुंड साहिब का गुरुद्वारा बना
हुआ है | जंहा सिख धर्म को मानने वाले लोग आते है | यह गुरुदुवरा साल में केवल 4
महीने तक ही खुला रहता है | अक्तूबर महीने में जब इस स्थान पर बर्फ गिरने लगती है
तो यंहा पर यात्रियों का आना वर्जित कर दिया जाता है |
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HEMKUND KI YATRA |
हेमकुण्ड की यात्रा :- इस स्थान
पर पहले एक मन्दिर था | जिसे भगवान श्रीराम के भाई लक्ष्मण ने बनवाया था | इस
मन्दिर में सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह ने पूजा अर्चना की थी | जिससे इस
मन्दिर को बाद में गुरुदवारा बना दिया गया | यह धार्मिक स्थल चारों ओर से बर्फ की
ऊँची – ऊँची चोटियों से घिरा हुआ है | जो देखने में बहुत ही सुंदर ओए आकर्षक लगता
है |हेमकुण्ड में हाथी पर्वत और सप्त ऋषि पर्वत से पानी आता है | इस झील से एक
छोटी जलधारा निकलती है जिसे हिमगंगा कहते है | इसके आलावा इस झील के किनारे एक
लक्ष्मणजी का मन्दिर भी बना हुआ जो बहुत ही मनोरम है | हेमकुंड के पास फूलों की
घाटी भी है जंहा पर यात्री घूमने के लिए जा सकते है |
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फूलों की घाटी |
जैसा कि हम जानते है कि हेमकुण्ड केवल
4 महीने तक ही खुलता है इसके बाद इस झील पर बर्फ जमने लगती है | यंहा पर तीर्थ यात्री
रमी के मौसम में आते है और अपनी पहली अरदास के लिए हेमकुंड जाते है | हेमकुंड से
लगभग 40 किलोमीटर दूर एक जोशी मठ भी है | इस स्थान पर गुरु गोबिंद सिंह ने तपस्या
की थी | बहुत से यात्री इस स्थान को भी देखने के लिए आते है |
गुरुद्वारा :- तीर्थयात्री
गुरुद्वारे में अपनी अरदास लगाने से पहले हेमकुण्ड नामक झील के पवित्र पानी में
डूबकी लगाते है | बर्फ होने के कारण यह पानी बहुत ठंडा है | पानी में स्नान करने
के लिएय पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग – अलग कमरे बनाये गये है | जंहा पर वो इस
पवित्र जल में नहाते है |
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HEMKUND KA GURUDVARA |
गुरुद्वारे के अंदर सभी भक्तों को चाय और खिचड़ी के साथ
कराह का प्रशाद दिया जाता है | यह प्रशाद गेंहू के आटे , चीनी और घी को मिलाकर
बनाया जाता है | जब इस गुरुद्वारे में सभा होती है तो भक्तगण हक्कनामा पढ़ते है और
अरदास के बाद प्रशाद ग्रहण करते है | इस स्थान पर लोगों को बुराई से बचने की सीख
दी जाती है |
हेमकुंड जाने का रास्ता :- इस
स्थान पर आप ऋषिकेश होते हुए बद्रीनाथ के राजमार्ग से गोबिंद घाट तक जा सकते है |
इसके बाद की यात्रा आपको पैदल की करनी पड़ेगी |
हेमकुण्ड एक पवित्र झील,Hemkund Ek Pvitr Jhil| हेमकुंड का मनोरम दृश्य , हेमकुण्ड
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