नागालैंड प्राकृतिक की गोद में बसा हुआ राज्य :-
नागालैंड प्रकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण स्थान
नागालैंड भारत
का उत्तर पूर्वी राज्य है | इसकी राजधानी कोहिमा है | नागालैंड का सबसे बड़ा शहर दीमापुर
है | इस स्थान पर सबसे ऊँची चोटी का नाम माउन्ट सरामति है | इस चोटी की ऊंचाई समुंदर
तल से लगभग 3840 मीटर है | यह स्थान सुंदर प्राकृतिक दृश्यों से परिपूर्ण है | नागालैंड
खुबसुरत प्राकृतिक की गोद में बसा हुआ एक बहुत ही सुंदर राज्य है | यदि आप इन
छुट्टी कंही जाना चाहते है तो नागालैंड अवश्य जाए | इस स्थान पर जाने वाले सभी
पर्यटकों को वो सारी सुविधा मिलती है जो वो चाहते है | इस स्थान पर चारों ओर
हरियाली ही हरियाली है | इतनी खुबसुरत वादियाँ और पहाड़ है कि आप उनको देखते ही सम्मोंहित
होए बिना नही रह सकते | यंहा सूर्य उदय और सूर्य अस्त का नजारा आपकी यात्रा को और
भी यादगार बना देगा | यह प्रक्रति से प्यार करने वाले के लिए सबसे अच्छी जगह है |
नागालैंड का मौसम
नागालैंड का मौसम :- नागालैंड का अधिकांश भाग पहाड़ी है | यह राज्य पश्चिमी ओर
से असम , दक्षिण में मणिपुर पर उत्तर में अरुणाचल प्रदेश से घिरा हुआ है | इस
स्थान पर 16 जातियां रहती है | यंहा का मौसम इतना अच्छा है कि आप इस राज्य की
यात्रा सारा साल कर सकते है | आप इस स्थान पर किसी भी मौसम में जा सकते है |
नागालैंड का नाम कैसा पड़ा :- नागालैंड के बारे में यह कहावत है कि अर्जुन ने
इसी प्रवेश की नाग कन्या जिसका नाम उलपी था उसके साथ विवाह किया था | इस बात के
प्रमाण आज भी कोहिमा में मौजूद है | कोहिमा के पास खोनमा नामक गाँव में महाभारत
युग के खंडहर पाए जाते है | यंहा की नागा जाति आदिवासी लोग थे | जो इस स्थान पर
शासन करते थे | लगभग 12 वी. और 13 वी. शताब्दी में नागा लोगों का अहोंम लोगो के
साथ सम्पर्क हो गया | अहोम लोग असम में रहने वाली एक पुरानी जाति है जिस आज भी कई
स्थानों पर देखा गया है | इन लोगों के सम्पर्क में आने के बाद भी नागा लोगों के रहने
– सहने में और उनके पारम्परिक तौर तरीके में किसी प्रकार कोई बदलाव नही आया | पहले
इस स्थान को नागा हिल्स के नाम से जाना जाता था | इस स्थान पर प्रशासनिक रूप से
असम के राज्यपाल का अधिक्कार हो गया | लेकिन इस व्यस्व्था से स्थानीय लोगों में असंतोष
फैल गया | इसके बाद सन 1963 में इसे एक नया राज्य घोषित किया गया जिसका नाम
नागालैंड रखा गया |
नागालैंड वासियों का प्रमुख भोजन :- नागालैंड के लोग अधिकतर मांस – मछली खाना
पसंद करते है | यंहा पर रहने वाली सभी प्रकार की जातियों में यह व्यंजन अलग – अलग
तरीके से बनया जाता है | इसके आलावा उबली हुई सब्जियां , मांस से बना हुआ भोजन और
चावल यंहा का मुख्य भोजन है | इन लोगों का भोजन खिमीर से भरा हुआ होता है | जिसे
ये लोग बड़े ही चाव से खाते है |
नागालैंड की वेशभूषा |
नागालैंड वासियों की संकृति और
वेशभूषा :- नागालैंड के लोगो पारंपरिक पौशाक पहनते है | ये लोग बहुत सुंदर – सुंदर
आभूषण भी पहनते है | यंहा के लोग इस राज्य के सुरज्जित गहने है | नागालैंड के लोगो
की एक और बात बहुत अच्छी है कि ये लोग अतिथि का सत्कार अच्छी तरह से करते है | इन
लोगो के जीवन के बारे में यह कहा जाता है कि इन लोगो का दैनिक जीवन किसी उत्सव से
कम नही होता |
स्थानीय लोगो का उत्सव |
नागालैंड में मनाएं जाने वाले त्यौहार :- यंहा पर रहने वाले हर जातियों के लोग
अपने – अपने मौसमी त्यौहार को बड़ी ही धूम – धाम से नाचते – गाते हुए उलासपूर्ण
वातावरण में मनाते है | यंहा पर मुख्य रूप से तुलुनी , तोक्कू और सेंकरेंसी नामक
त्यौहार मनाये जाते है |
नागालैंड में घूमने योग्य स्थान :- नागालैंड जाने के बाद आप कोहिमा , दीमापुर ,मोन
, वोखा , फेक और पेरेन नामक स्थान पर घूमने – फिरने के लिए जा सकते है |
घूमने का स्थान |
दीमापुर :- यह नागालैंड का सबसे बड़ा शहर है | इस शहर को नागालैंड का प्रवेश
द्वार भी कहा जाता है | दीमापुर के दी यानि पानी मा का अर्थ है बड़ा और पुर का अर्थ
है शहर अथार्थ विशाल नदी से प्रकट हुआ शहर | इस शहर में धनसिरी नदी बहुत पुराने
समय से ही बहती चली आ रही है | दीमापुर
में कई ऐसे स्थान है जंहा पर आप घूमने के लिए जा सकते है | जैसे दिफ्जे : यंहा पर
आपको हाथ से बने हुए सामान मिलते है जिन्हें यंहा के स्थानीय लोग बनाते है |
रंगापहाड़ :- इस स्थान पर दुर्लभ प्रजाति के जानवर और पक्षी देखने को मिलते है
| यह स्थान दीमापुर के मुख्य आकर्षण केंद्र है |
tripls फाल्स |
tripls फाल्स :- ट्रिप्पल एक ऐसा स्थान है जंहा पर पानी के तीन झरने एक साथ
बहते है | यह एक बहुत ही सुंदर स्थान है |
कोहिमा |
कोहिमा :- यह नागालैंड की राजधानी है | कोहिमा में एक चर्च है | जंहा पर लगभग ३०००
व्यक्तियों के बैठने का स्थान है | इस चर्च में एक नाद है जो बेतुलुम की लकड़ी से
बना हुआ | इस नाद के होने से इस चर्च की सुन्दरता और बढ़ जाती है | पर्यटकों को
यंहा से प्रार्थना करने बाद शन्ति का एहसास होता है | इसके आलावा आप जुफ्फु चोटी
और नागा हेरिटेज का भी भ्रमण कर सकते है |
नागालैंड जाने का रास्ता :- नागालैंड जाने के लिए आप रेल मार्ग , सड़क मर्ग और
वायु मार्ग आदि का प्रयोग कर सकते है |
वायु मार्ग :- नागालैंड में दीमापुर नामक शहर में एक हवाईअड्डा है जंहा से आप
नागालैंड और कोहिमा आसानी से जा सकते है |
रेल मार्ग :- आप हवाईअड्डे के आलावा रेल से भी नागालैंड जा सकते है | दीमापुर
में रेलवे स्टेशन का निर्माण किया गया है |
सड़क मार्ग :- आप अपने निजी वाहन से नागालैंड जा सकते है |
नागालैंड
प्रकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण स्थान | Nagaland mein
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