मैसूर शहर :- मैसूर भारत के दक्षिण भारत में स्थित है | यह स्थान दक्कन पठार पर कावेरी नदी और कबीनी नदी के बीच में स्थित है | मैसूर अपनी सिल्क की साड़ी, चंदन के तेल और चन्दन की लकड़ी से बने सामान के लिए बहुत प्रसिद्ध है | पुराने समय में इस स्थान पर वुडयार नामक राजा का स्थापत्य था | ये कला और संस्क्रति के प्रेमी थे | मैसूर एक खुबसुरत शहर है |

मैसूर एक बहुत ही खुबसुरत शहर

मैसूर को दक्षिण भारत का सांस्कृतिक राजधानी कहा जाता है | यह स्थान कर्नाटक
संगीत और नृत्य का मुख्य केंद्र है | मैसूर में महल बगीचे और बहुत सारे मंदिर है |
जंहा आप घूमने के लिए जा सकते है | मैसूर की खूबसूरती आज भी कायम है | मैसूर को
सुंदर शहर में से एक माना जाता है |इस स्थान पर अनेक एतिहासिक इमारत है , किलें ,
पहाड़ी और अनेक मनोरम झील है | जो इस शहर की सुन्दरता को चार चाँद लगा देते है | इस
स्थान पर बड़े ही नही बल्कि बच्चे भी खूब आनन्द लेते है |


वृंदावन गार्डन
घूमने का स्थान :-
वृंदावन गार्डन :- यह मैसूर से लगभग 19 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है | यह एक बहुत ही खुबसुरत गार्डन है | इसका निर्माण 1932 ईस . वी. में हुआ था | यह गार्डन कावेरी नदी पर बने कृष्ण राज बांध के नीचे स्थित है | यंहा पर आप पिकनिक मनाने आ सकते है |
महाराजा पैलेस
महाराजा पैलेस :- यह महल भारत के बड़े – बड़े महलों में से एक है | मैसूर
महल मिर्जा रोड पर स्थित है | इससे पहले यंहा एक लकड़ी का महल था | जो जल गया था
इसके बाद इसकी सुंदर नक्क्शी करके एक महल बनाया गया | इस महल में एक सिंघासन है जो
रत्नों से जड़ा हुआ है | इस सिंघासन को दशहरे के उत्सव पर जनता को दिखाया जाता है |


चामुंडी पहाड़ी
चामुंडी पहाड़ी :- इस पहाड़ी की चोटी पर माता चामुन्डेश्वरी का मन्दिर
स्थित है | इस मन्दिर का निर्माण 12 वी. शताब्दी में करवाया गया | इस मन्दिर में
माता चामुंडा की सोने की मूर्ति उपस्थित है | जो इस मन्दिर की विशेषता को प्रकट
करता है | यह मन्दिर दुर्गा देवी को समर्पित है | क्योंकि माता दुर्गा ने चामुंडा
रूप में महिषासुर पर विजय पाई थी | इस मन्दिर को बनाने में अच्छे से अच्छे
नक्क्शीकार को बुलाया गया | यह मन्दिर देखने में अत्यंत सुंदर लगता है |


जगमोहन महल
जगमोहन महल :- इस महल का निर्माण कृष्ण राज वाडीयर ने करवाया था | इस
महल में पुरानी से पुरानी मूर्ति और बेश कीमती वाद्ययंत्र रखे हुए है |


सेंट फिलोमेना चर्च
सेंट फिलोमेना चर्च :- इस चर्च को सेंट जोसेफ के नाम से भी जाना जाता
है | यह चर्च भारत का सबसे बड़ा और सुंदर चर्च है | इस चर्च की सबसे बड़ी विशेषता यह
है कि इसके भूमिगत कमरे में तीसरी शताब्दी के एक संत की प्रतिमा स्थापित है |


मैसूर का चिड़ियाघर
मैसूर का चिड़ियाघर :- यह चिड़ियाघर विश्व का सबसे पुराना चिडियाघर है |
इस चिडियाघर का निर्माण शाही खानदान के द्वारा करवाया गया | यह 1892 ईस. वी. में
बनकर तैयार हो गया था | इस चिड़ियाघर में हाथी , गोरिले और सफेद रंग के मोर देखने
को मिलते है | इसके आलावा यंहा और भी कई जानवर एक साथ देख सकते है |


कृष्णराज सागर बांध
कृष्णराज सागर बांध :- इस बांध को के. के. आर . एस. बांध भी कहा जाता है | इस बांध की लम्बाई 8600 फीट , ऊंचाई 130 फीट है यह लगभग 130 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है | इस बांध का निर्माण 1932 ईस .वी. में किया गया |
नागरहोल उद्यान :- यह एक राष्ट्रिय उद्यान है| यह राष्ट्रिय उद्यान
मैसूर में स्थित है जो पूरे विश्व में प्रसिद्ध है | इस उद्यान में एशियाई हाथी
पाए जाते है | इस स्थान पर हाथियों के बड़े – बड़े झुण्ड को आसानी से देख सकते है | इस
उद्यान की स्थापना सन 1955 मे की गई थी | इसे राष्ट्रिय उद्यान का दर्जा दिया गया
|
मैसूर में और भी कई स्थान है जंहा आप घूमने के लिए जा सकते है | जैसे
:-
1. नंजनगुड मंदिर :- यह मन्दिर कबीनी नदी के किनारे पे स्थित है | इस
स्थान को दक्षिण की काशी भी कहा जाता है | इस स्थान पर जो शिवलिंग स्थापित है उसकी
स्थापना गौतम ऋषि ने की थी |


सोमनाथ का मन्दिर
2. सोमनाथपुर :- यह एक छोटा सा गाँव हा जो कावेरी नदी के किनारे बसा हुआ
है | इस स्थान पर केशव मंदिर स्थित है जिसका निर्माण सेनापति सोमनाथ दंडनायक ने
करवाया था | इस मन्दिर को अच्छी – अच्छी मूर्तियों से सजाया गया है | यह मन्दिर
सितार के आकार के चबूतरे पर बना हुआ है | इस मन्दिर में लगभग 3 गर्भगृह है | जो इस
मन्दिर की विशेषता को प्रकट करता है | इस मन्दिर की स्थापना 1268 ईस. वी. में की
गई थी |


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