पेट सम्बन्धी रोगों का इलाज अजमोद | Use of Celery

अफारा आने पर अजमोद का प्रयोग :- 

कई बार तीखा और तेलिए पदार्थ खाने से पेट में गैस की वजह से अफारा आना शुरू हो जाता है इस अफारे में प्यास लगती है और पेट भारी हो जाता है पेट में गैस भी बन जाती है और इसका निकास नहीं हो पाता । इसे दूर करने के लिए गुड के साथ अजमोद का चूर्ण एक दिन में कम से कम - बार खाने से ये शिकायत दूर हो जाती है और पेट वात रोग से मुक्त हो जाता है .



पतले दस्त का उपचार :- 

दस्त का दूसरा नाम अतिसार भी है , अंग्रेजी भाषा में इसको  lose motion भी कहते है । इस बीमारी में रोगी को कमजोरी जाती है दस्त की वजह से उसमे पानी की कमी भी हो जाती है यदि यह बीमारी लगातार २ दिनों तक रह जाये तो शरीर में पोषक तत्वों की कमी भी हो जाती है इसका समय रहते उपचार करना चाहिए । इसको ठीक करने के लिए सोंठ , अजमोद , मोचरस , और धाय के फूलों को एक समान मात्रा में लेकर पीसकर बारीक़ चूर्ण बना लें इस चूर्ण की - ग्राम की मात्रा को लस्सी के साथ पीये परहेज के लिए गर्म पदार्थो का सेवन नहीं करना है जैसे गर्म दूध , चाय इत्यादि , इस प्रयोग को एक दिन में - बार पीयें इससे पतले दस्त बंद हो जाते है । इसके साथ साथ आप दही के साथ केले का भी सेवन कर सकते हो.

पेट सम्बन्धी रोगों का इलाज अजमोद


पेट का दर्द :- 

इस बीमारी को ठीक करने के लिए हमें निम्मिलिखित उपयोग करना चाहिए
 पेट के दर्द के कई कारण हो सकते है जैसे गैस या फिर बदहजमी , इसके लिए अजमोद के तेल की - बून्द में ग्राम शुंठी का चूर्ण मिलाकर हलके गर्म पानी के साथ खाने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है।  वात रोग भी दूर हो जाता है , यह प्रयोग दर्द होने पर दिन में दो बार किया जा सकता है, इसके आलावा ग्राम अजमोद के बीज और ग्राम काला नमक मिलाकर खा ले इससे भी पेट का दर्द दूर हो जाता है

पेट का दर्द



मूत्र विकार :- 

जो मानव मूत्र विकार जैसे :- यदि पेशाब में जलन है या पेशाब रूक रूक कर आता है अर्थात  ठीक प्रकार से आना,  यदि इस प्रकार की समस्या है तो ऐसे में अजमोद की जड़ को पीसकर चूर्ण बना ले पानी का अधिक सेवन करे और इस चूर्ण की लगभग - ग्राम की मात्रा को ताज़े पानी के साथ सुबह और शाम खाने से पेशाब से होने वाली बीमारियाँ ठीक हो जाती है । मूत्राशय में जो इन्फेक्शन है वो खत्म हो जायेगा .

मूत्र विकार

गर्भवती महिला अजमोद का सेवन न करे  

अजमोद के खाने के बाद छाती में जलन पैदा हो जाती है गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए क्योकि यह गर्भाशय उत्तेजिक होती है इसके उपयोग से गर्भपात भी हो सकता है
अपस्मार से पीड़ित रोगी को भी अजमोद का सेवन नहीं करना चाहिए ऐसा करने से हानि हो सकती है ।
अजमोद का अधिक सेवन निषेध है ये डॉक्टर की सलाह से ही लेना चाहिए .

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