शरीर
की
पुष्टि
के
लिए :- शरीर
की शक्ति बढ़ने के लिए रोजाना सुबह सवेरे पेड़ के पके हुए मीठे आम को चूसकर खाना चाहिए । इसके बाद दूध में सोंठ और छुहारे मिलाकर पकाये । इस पकाये हुए दूध को पीने से पुरूषों की शक्ति में वृद्धि होती है और साथ ही साथ शरीर भी पुष्ट होता है
घमोरियां
गर्मी
शुरू होते ही शरीर में पसीने आने लगते है और पसीने की वजह से शरीर में छोटी छोटी फुंसी हो जाती है । इनको ठीक करने के लिए कच्चे आमो को आग में भूनकर इसका लेप बनाये और शरीर पर लगाये । इस लेप को लगाने से घमौरियों में काफी आराम मिलता है ।
अग्निदग्ध
आम
की गुठली की गिरी को पानी में पीसकर लेप बनाये । इस लेप को जली हुई जगह पर लगाने से जलन में शांति मिलती है और ठीक भी हो जाता है ।
मकड़ी
का
जहर
उतारने
के
लिए :- आम
की गुठली को पानी में पीसकर लेप बनाकर लगाये इसके आलावा आमचूर को पानी में मिलाकर लगाने से छाले ठीक हो जाते है ।
जहरीले
जानवर
के
दंश :- आम के पेड़ पर जो सबसे पहले बौर लगता है । उसे मंगलवार या रविवार को किसी ब्राह्मण को खाना खिलाकर उसे दक्षिणा देकर तोड़ ले । और अपने दोनों हाथो पर रगड़ ले । इससे बिच्छू आदि के काटने से जो दर्द होता है वह ठीक हो जाता है । इसका असर लगभग एक साल तक रहता है ।
यदि किसी को भवरें , मधुमक्खी , बिच्छू , ततैया
आदि ने काट लिया हो तो ऐसी अवस्था में आम की गुठली को पानी के साथ पत्थर पर पीसकर लगाना चाहिए । इससे कीड़े मकौड़े के काटने से जो जलन और दर्द होता है वह ठीक हो जाता है
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