रक्तप्रदर अर्श
आम
के छाल को पीसकर रस निकाल लें । इस रस की २० -३०
ग्राम की मात्रा को एक दिन में कम से कम दो बार पिए । इस प्रयोग से अर्श , रक्तप्रदर
या रक्त अतिसार की वजह से होने वाले मलस्राव
बिल्कुल ठीक हो जाते है ।
आम
की गुठली को पीसकर महीन चूर्ण बनाकर १-२
ग्राम की मात्रा में खाएं । इस उपयोग को एक दिन में दो बार करे । इससे रक्तप्रदर की बीमारी ठीक हो जाती है ।
रक्तार्श की बीमारी का ईलाज
सामग्री : -
मुलेठी क्वाथ (mulhethi Kwath ) :-
१०० ग्राम
सर्वकल्प क्वाथ (sarkalp kwath) :- १०० ग्राम
कायाकल्प क्वाथ (kayakalp kwath) :- १०० ग्राम
बनाने की विधि :- इन सभी औषधियों को
आपस में मिलाकर एक मिश्रण बना लें | फिर किसी बर्तन में ४०० मिलीलीटर पानी लेकर
इसमें एक चम्मच तैयार मिश्रण की मिलाकर मंद
अग्नि पर पकाए | पकते – पकते जब इसका पानी १०० मिलीलीटर रह जाए तो इसे
छानकर सुबह और शाम खाली पेट पीये | इसके आलावा \अर्शकल्प वटी की एक – एक गोली दिन
में कम से कम दो बार खाना खाने के आधे घंटे बाद इस क्वाथ के साथ प्रयोग करे |
सामग्री
उशीरासव :- ४५० मिलीलीटर
अभयारिष्ट :- ४५० मिलीलीटर
इन दोनों औषधियों को आपस में मिलाकर ४ चम्मच की मात्रा में चार चम्मच पानी
मिलाकर पीये इस औषधि को रोजाना सुबह और शाम खाना खाने के बाद प्रयोग करे |
नोट :- किसी भी आयुर्वेदिक कंपनी से एक अच्छा चूर्ण
खरीद लें | और इस चूर्ण की एक चम्मच की मात्रा को रोजाना सोते समय दूध या हल्के
गर्म पानी के साथ खाएं |
नोट :- यदि किसी रोगी को रक्त का स्त्राव अधिक हो रहा
है | तो उपरोक्त औषधियों के साथ निमिन्लिखित औषधियों का सेवन करने से विशेष लाभ
मिलता है |
सामग्री
मुक्ता पिष्टी (Mukta pisti) :- ४ ग्राम
रसमाणिक्य (rasmanikya) :- २ ग्राम
प्रवाल पिष्टी (pravaal pisti) :- १० ग्राम
गिलोय सत (giloy sata) :- १० ग्राम
कहरवा पिष्टी (kaharva pisti) :- १०
ग्राम
इन सभी आयुर्वेदिक औषधियों को आपस में मिलाकर बराबर मात्रा में ६० पुड़ियाँ
बनाकर किसी डिब्बे में बंद करके रख दें | प्रतिदिन सुबह और शाम खाना खाने से आधा
घंटा पहले ताज़े पानी के साथ , शहद के साथ या दूर्वास्वरस के साथ खाएं |
Take bark
of mango tree and make its juice. Daily take 20 to 30 grams juice per day twice
in a day. due to this practice or treatment all the Apocenosis and rakt atisaar can be cured.
take seed
of mango fruit and make powder of its internal part. daily take powder around 2
to 3 gram per day with water. it will help to treat the rakt pradar atisaar or
apocenosis.
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