पानी ईश्वर
का वरदान - Water is the gift of God
पानी हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण घटक है । इसके
बिना जीवन की कल्पना करना व्यर्थ है । पानी
अनमोल होता है । पृथ्वी
का ७० प्रतिशत भाग पानी है । शरीर
की रक्षा के लिए हर रोज़ २६०० ग्राम पानी लगता है जो गुर्दों से १५०० ग्राम, चर्म
में ६५० ग्राम,फेफड़ों
में ३२० ग्राम,और
मलमूत्र से १३० ग्राम होता है । इस
पानी को हम अपने हर रोज़ के जलपान से पूरा करते है जिसके लिए तीन लीटर पानी हर रोज़ जरूर पीना चाहिए । लेकिन
पानी पीने के भी कुछ नियम होते है जैसे - गर्म
खाना खा के कभी भी पानी नहीं पीना चाहिए, खीरा
खरबूजा,ककड़ी
और तरबूज़ खाने के बाद पानी नहीं पीना चाहिए । दूध,चाय और धुप में आकर तुरंत पानी नहीं पीना चाहिए । इससे
शरीर बीमार हो सकता है |
नकसीर का
उपचार करे
पानी से-
कभी
कभी ज्यादा गर्मी के कारण किसी के नाक से खून बहने लगे तो उसे नकसीर कहते है इसका उपचार पानी से ही संभव है । जब
भी नकसीर छूटे तो सिर पर ठंडा पानी डालने से तुरंत ही आराम पहुंचता है ।
कब्ज़ का
इलाज़ है
पानी-
कब्ज़ का सीधा सा और सरल इलाज़ है पानी । खाना
खाने के साथ ही पानी घूंट घूंट भर कर पानी पीने से कब्ज़ नहीं होता है और इससे खाना अच्छी तरह से पचता है ।
नजला जुकाम
का इलाज़- Catarrh treatment of colds
पानी
अमृत है जिन्हे नजला जुकाम की दिक्कत रहती हो उन्हें सवेरे उठकर एक गिलास गर्म पानी पीना लाभदायक रहता है
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