दन्त पीड़ा के लक्षण / Symptoms of Dental Pain
दाँत में दर्द या दाढ़ में दर्द होने का मुख्य कारण यह कि दाँतों को समय के अनुसार साफ न करना । जिससे धीरे - धीरे दाँत में काई जमने लगती है । काई जमने से दाँतों में कीटाणु उत्त्पन हो जाते है । ये कीटाणु दाँतों में छेद उत्पन कर देते है । तथा इन छेदों में से दर्द होना शुरू हो जाता है । और धीरे - धीरे इन छेदों में कीड़े होना शुरू हो जाता है । इससे दन्त पीड़ा या दाढ़ में बहुत ही अधिक दर्द होने लगता है । और ये बीमारी का रूप ले लेता है
| मनुष्य इस दन्त पीड़ा से परेशान होकर अनेक प्रकार की दवाइयों का उपयोग करते है । इस दवाई को खाने से थोड़ी देर तक आराम आता है । लेकिन थोड़े समय के बाद ये दन्त पीड़ा फिर से शुरू हो जाता है
| इन दवाइयों से दन्त पीड़ा या दाढ़ में दर्द जड़ से नष्ट नही होता है । लेकिन हमारी आयुर्वेदिक औषधि का उपयोग करने से दाढ़ का कीड़ा जल्दी बहार निकल आ जायेगा । और दन्त पीड़ा या दाँतों में दर्द जड़ से ख़त्म हो जायेगा । हमारा शरीर स्वस्थ हो जायेगा और हम आराम की नींद ले सकेंगे|
Symptoms of Dental Pain |
दन्त पीड़ा की औषधियाँ - Dental Pain Medicines
दाढ़ में से कीड़े निकालने के लिए बूटी- वायविंड का उपयोग बहुत ही लाभकारी वस्तु है । ये औषधि किसी पान वाली दुकान पर आसानी से मिल जाती है । इस वस्तु को हर भाषा में अलग - अलग नाम से बोला जाता है । जैसे : मराठी में बावडिंग , गुजरती में बाबडिंग , संस्कृत में विंडग और हिंदी में वायवडिंग इत्यादि जगहों पर अलग
- अलग नाम से कहा जाता है ।इस
वस्तु के बीजों को कूटकर वायविंडग के दाने को छोटी - छोटी
पूड़ियाँ बनाकर मलमल के कपडे में रखकर १२५ ग्राम पानी में डालकर आग में पकाये या सेके । जब
ये पूड़ियाँ सारा पानी सीज ले तब इस पूड़ियाँ को रात्रि को सोने से पहले इस पूड़ियाँ को दाढ़ में कीड़े वाले स्थान पर लगाकर सो जाये । और
सुबह उठकर इस पूड़ियाँ को मुँह में दाढ़ वाले स्थान पर से हटाए हटाने से ये कीड़े इस पूड़ियाँ में लिपटकर बहार आ जायेंग
। और
इस पूड़ियाँ को फैक दे । इसी
तरह इस प्रयोग को करने से दाढ़ के सभी कीड़े बहार निकल आ जायेंगे
। और
दन्त पीड़ा जड़ से समाप्त हो जायेगा ।
अमरुद
के पत्तों द्वारा उपचार - Guava Leaves Treatment
दाढ़ में से कीड़े को बहार निकालने के लिए अमरुद के पत्तों का काढ़ा बनाये| इस काढ़े तैयार करने के लिए समान मात्रा में पानी डालकर इसमें अमरुद के पत्ते डालकर इस पानी को अच्छी तरह से उबले । इस
तरह से उबालें की सरे पानी में अमरुद के पत्ते मिलकर गाढ़े दूध के जैसे प्रतीत हो तो समझो की काढ़ा तैयार हो गया है । इस
तैयार काढ़े का रोजाना कुल्ला करने से दन्त पीड़ा और कीड़े की समस्या दूर हो जाएगी । यह
क्रिया लगातार ३ सप्ताह
तक करने से यह रोग जड़ से ख़त्म हो जायेगा । इसके
आलावा दन्त पीड़ा को दूर करने के लिए और कई उपचार है । इस
प्रकार है ।
दन्त पीड़ा के लक्षण और समाधान |
दाँत दाढ़ के दर्द में अदरक का उपचार / Ginger Use in Teeth Pain Treatment
दाँत में दर्द को दूर करने के लिए अदरक का भी उपयोग किया जाता है । वैसे
तो अदरक हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभकारी होती है । अदरक
दाढ़ में दर्द के लिए अधिक फायदेमंद होती है । दाढ़
में दर्द होने पर अदरक को काट कर इसके टुकड़े कर ले । और
फिर इसको हल्का सा कूट ले । इस
कुटे हुए अदरक को अपनी दाढ़ के दर्द वाले स्थान पर रखकर अपना मुँह बंद करके आराम - आराम
से इसके रस को चूसते रहे । ऐसा
करने से दाढ़ का दर्द ठीक हो जाता है साथ ही साथ हमारे शरीर की अनेक दूसरी बीमारी भी ठीक हो जाती है । और
हम बिल्कुल स्वस्थ हो जायंगे । दन्त
पीड़ा हमारे शरीर से मुक्त हो जाएगी । तथा
हम चैन की साँस ले सकेंगे |
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