आयुर्वेदिक तरीके से बच्चों की देखभाल कैसे करें | |
आयुर्वेदिक
तरीके से बच्चों के स्वास्थ्य का रखे ध्यान :- आयुर्वेदिक औषधियों से मनुष्य की हर
एक बीमारी का इलाज किया जा सकता है | बच्चों के स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद से
अच्छा और कुछ भी नही है | मनुष्य में कुछ बीमारी ऐसी होती है जिनका स्थाई रूप से
इलाज केवल आयुर्वेद के द्वारा किया जा सकता है | छोटे बच्चे का आहार किस प्रकार का
होना चाहिए , दांत निकलते समय क्या करना चाहियें , और बच्चों की देखभाल की किस
प्रकार से करनी चाहिए | इन सभी बातों की जानकारी हम इस लेख के माध्यम से आपको दे
रहे है | कुछ आयुर्वेदिक उपाय और जडीबुटी के प्रयोग से आप बच्चों को बिमारियों से
बचा सकते है| बच्चों में होने वाले रोग और उनके उपाय निम्नलिखित है |
कब्ज होने पर क्या करें |
बच्चों
को कब्ज की समस्या :- अगर आपके बच्चे को कब्ज हो जाये तो उन्हें फाइबर युक्त भोजन
देना चाहिए | जैसे :- भीगी हुई किशमिश या खजूर , चोकर , शहद , तील के बीज , पपीता
, आम , अंगूर और ताज़ा अंजीर आदि | इन सभी वस्तुओं में से किसी भी वस्तु का सेवन
करने से आपके बच्चे की कब्ज की दिक्कत दूर हो जाती है | इसके आलावा पानी की
पर्याप्त मात्रा पीनी चाहिए |
बच्चों
को खांसी या जुकाम हो जाने पर क्या करें :- अगर आपका बच्चा खांसी या जुकाम जैसी
बीमारी से गृहसित है तो उसे तुलसी का रस पीने के लिए दें | इस उपाय से सर्दी का
प्रकोप नही रहता |
अदरक
की आधे इंच की मात्रा और एक ग्राम तेजपत्ते को एक कप पानी में भिगोकर काढ़ा बनाएं |
काढ़ा बनाने के बाद इसमें एक चम्मच मिश्री की मिला दें | इस प्रकार से तैयार किये
हुए काढ़े को दिन में कम से कम तीन बार पिलाने से खांसी और जुकाम ठीक हो जाता है |
बड़ी इलायची का उपयोग कैसे करें |
बड़ी
इलायची को पीसकर उसका पावडर बना लें | इस पावडर को दिन में कम से कम 2 या ३३ बार
दो – दो ग्राम की मात्रा में देने से किसी भी प्रकार की खासी या जुकाम दूर हो जाता
है |
अगर
बच्चे के सीने में कफ जम जाये तो गाय का देशी घी को हल्का से गर्म करके छाती पर
लगाने से कफ पिघल कर बाहर निकल जाता है |
फक होने पर गाय का घी प्रयोग करें |
बच्चो
को दस्त होने पर क्या उपाय करें :- यदि आपके बच्चे को दस्त हो जाय तो उसे शहद के
साथ जायफल को घिसकर सुबह और शाम के समय चटायें | बच्चे को बहुत आराम मिलता है |
बच्चे
को यदि हरे रंग के दस्त होते हो तो थोडा सा अरंडी का तेल या कैस्टर ऑयल थोड़ा सा
चटा दे |
थोड़ी
सी सौंफ और थोड़ा सा सोंठ मिलाकर काढ़ा तैयार करें | इस तैयार काढ़े की एक या दो छोटे
चम्मच की मात्रा में पिलाने से दस्त दूर हो जाते है |
दांत
निकलने पर :- जब बच्चों को दांत निकलते है तो बच्चों के मसूड़ों में खुजली होने
लगती है | उस समय बच्चे बहुत परेशान रहते है | इस समस्या को दूर करने के लिए
छोटी पिपली को बारीक़ पीसकर कपड़े से छान लें | इसके बाद एक चुटकी पिसा हुआ पिपली का चूर्ण और शहद
मिलाकर बच्चे के मसूड़ों पर लगायें | इससे मसूड़ों में होने वाली खुजली दूर हो जाती
है |
अनार का रस और तुलसी का रस मिलाकर |
अनार के रस में तुलसी का रस
मिलाकर बच्चों को रोजाना सुबह और शाम चटायें | इस उपचार को करने से दांत आसानी से
निकल जाते है |
Ayurvedik Trike Se Chote Bacche Ki Bimariyon Ko Thik Kren |
आयुर्वेदिक औषधि का यदि सही
खुराख दी जाए तो यह उपचार बहुत ही सुरक्षित माना जाता है |
आयुर्वेदिक
तरीके से बच्चों की देखभाल कैसे करें | Bacche Ke
Danth Niklte Smay Kya Upay Kren , Bacchon Mein Koun – Koun Se Rog Hote Hai ,
Ayurvedik Trike Se Chote Bacche Ki Bimariyon Ko Thik Kren |
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