गर्भपात का निदान
जब किसी महिला के प्रेग्नेंट होने के पश्चात् कुछ कारणों से उसका
गर्भपात हो जाता हैं अर्थात उसके भ्रूण में पल रहे शिशु की मृत्यु हो जाती हैं तो
इस स्थिति को गर्भपात के नाम से जाना जाता हैं. वैसे तो कोई महिला यह नही चाहती कि
उसकी संतान इस दुनिया में आने से पहले ही अपने प्राण त्याग दें. लेकिन ऐसा कई
कारणों से या अनजाने में की गई लापरवाही से हो जाता हैं. तो चलिए जानते हैं कि
गर्भपात हो जाने के मुख्य कारण क्या हैं.
कारण
२.
क्रोमोजोम समस्या के कारण भ्रूण का पूर्ण रूप से
विकसित न हो पाना.
३.
गुणसूत्रों की गलत संख्या होने के कारण या
गुणसूत्रों की संरचना में परिवर्तन होने के कारण भी ऐसा हो सकता हैं.
४.
अगर महिला का स्वास्थ्य ठीक नहीं हैं और उसे
मधुमेह और थायराइड जैसी समस्या हैं तो इस वजह से भी गर्भपात हो सकता हैं.
५.
एंटी फोस्फो लिपिड सिंड्रोम के कारण रक्त
वाहिकाओं में रक्त के थक्कों के जमने के कारण भी गर्भपात हो सकता हैं.
६.
यदि महिला को यौन संचारित संक्रमण रोग हो, जैसे –
क्लामाइडीया या पॉलीसिस्टिक अंडाशय नामक दोष उत्पन्न होने के
कारण भी हो सकता हैं. अगर महिला में ये रोग पायें जाते हैं तो उसका गर्भपात हो
सकता हैं क्योंकि ये रोग महिला के गर्भ से जुड़े हुए हार्मोन को प्रभावित करते हैं.
७.
महिला का पेट के बल गिर जाने के कारण भी यह
समस्या हो सकती हैं.
लक्षण
१.
महिला के गर्भ धारण करने के बाद उसकी योनी में से
अधिक रक्तस्राव होने लगता हैं.
२.
महिला को गर्भवती होने के पश्चात् उसके पेट के
निचले हिस्से में बहुत ज्यादा दर्द होने लगता हैं.
३.
गर्भावस्था के दौरान महिला को मलेरिया हो जाना.
४.
गर्भवती होने के पश्चात् अक्सर महिला का बीमार
रहना.
५.
गर्भावस्था के दौरान अधिक समय तक संकुचन दर्द
होना.
६.
गर्भवती होने के पश्चात् महिला का वजन निरंतर
घटते जाना.
७.
शिशु की धड़कन न चलना.
गर्भपात से बचने के घरेलू उपचार
१.
जायफल – यदि महिला रोजाना चाय में जायफल का
प्रयोग करें और उसके बाद इसका सेवन करें. तो उसके गर्भ गिरने की सम्भावना कम हो
जाती हैं.
Aushdhiy Prayogon Se Garbhpat Ka Nidan |
२.
हरी दूब का पंचांग – गर्भपात से बचने के लिए आप हरी दूब के
पंचांग का भी प्रयोग कर सकते हैं. इस समस्या के निवारण हेतु हरी दूब के जड़, पत्ते,
फूल, तना तथा फल को लें और इनका बारीक़ मिश्रण तैयार कर लें. अब एक गिलास दूध लें
और उसमें थोड़ी मिश्री के साथ थोडा सा पंचांग का मिश्रण मिला लें. इसके बाद इसका
सेवन करें. लगातार गर्भावस्था में इस इस मिश्रण का सेवन करने से आपको गर्भपात की
समस्या का सामना करना नही पड़ेगा.
३.
काले चने का काढ़ा – आप गर्भावस्था के दौरान इस परेशानी से
छुटकारा पाने के लिए आप काले चने का काढ़ा बनाकर पी सकती हैं. इससे आपको गर्भवती
होने के बाद गर्भपात होने की सम्भावना नही रहेगी.
४.
भारतीय करौंदा का रस – यह भी आपके लिए एक बेहद ही उपयोगी औषधि
साबित होती हैं. इसके लिए रोजाना करौंदा के रस में एक चम्मच शहद मिला लें और इसका
सेवन दिन में दो बार करें. आपको बहुत ही लाभ होगा.
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५.
अशोक के पेड़ की छाल – अगर आपको गर्भ धारण करने के बाद
गर्भपात होने का भय हैं तो इसके लिए अशोक
के पेड़ की छाल लें और उसका बारीक़ चूर्ण बना लें. इसके बाद इस चूर्ण का इस्तेमाल कर
क्वाथ तैयार कर लें और इस क्वाथ का सेवन करें.
६.
केला और शहद – गर्भपात की समस्या से बचने के लिए आप
केले और शहद का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इसके लिए पका हुआ केला लें और उसमे शहद
मिला लें. इसके बाद इसका सेवन करें. आपको गर्भावस्था में लाभ होगा और आपको गर्भपात
का खतरा बिल्कुल नही रहेगा.
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