कुल्लू मनाली हिमाचल
की गोद में बसा हुआ एक सुंदर हिल स्टेशन :- इस जगह में हर एक खूबी है जो पर्यटकों
को चाहिए | इस लिए यह स्थान पर्यटकों के लिए स्वर्ग कहलाती है | कुल्लू मनाली एक
ऐसी जगह है जंहा यह हिम से ढके हुए पर्वत के ऊपर आसमान से बाते करती हुई लगती है| हरी
भरी घाटी इसके नीचे चलती हुई लगती है | इस स्थान पर नदियों का पानी देखने में बहुत
आकर्षक लगता है |
यंहा आने के बाद
आपकी जीवन की सारी थकान दूर हो जाती है | यंहा पर उपस्थित झीले आपके मन को सम्मोहित
कर देती है | आप इन झीलों के किनारे बैठने पर मजबूर हो जाएँगे | कुल्लू मनाली में
जाकर आप स्वर्ग जैसा महसूस करेंगे |
कुल्लू मनाली स्वर्ग जैसी घाटी |
कुल्लू मनाली स्वर्ग जैसी घाटी :- कुल्लू मनाली में बसंत के मौसम में चारों और हरियाली ही हरीयाली नजर आती
है | इस मौसम में कुल्लू की शोभा और भी बढ़ जाती है | इस घाटी में गुलाबी और सफेद
रंग के फूल चारों और खिल जाते है | जिसे देखने के बाद आप इसकी सुन्दरता का बखान
नही कर सकते | इस घाटी में जिस स्थान पर भी आपकी नजर जाएगी वंही स्थान आपको रंग - बिरंगे फूलों और हरी भरी
झाड़ियों से सजी हुई मिलती है | इसी कारण इस घाटी को देवताओं की घाटी कहते है |
सर्दी का मौसम |
सर्दी के मौसम में आसमान
नीला हो जाता है | दिसंबर के महीने में इस स्थान की हरियाली चली जाती है | लेकिन
इस समय जंगल में लम्बे चौड़े देवदार के पेड़ खड़े रहते है यह हिमालय की सबसे खुबसुरत
और खुशनुमा जगह है | क्योकिं सर्दी के मौसम में यंहा बर्फ की सफेद चादर सी बिछ
जाती है | जो देखने में अत्यंत सुंदर और आकर्षक लगता है | ऐसा मनोरम दृश्य आपको ओर
किसी स्थान पर देखने को नही मिलेगा |
मनाली की झील |
मानवालय यानि मनु के
नाम से इस स्थान का नाम मनाली रखा गया है | मनाली अपने आकर्षण और सुन्दरता को
सभालकर रखे हुए है | मनाली के बीचों – बीच से गुजरती हुई व्यास नदी , उसके आस –
पास मैदानों में सजी हुई हरी भरी घास ,
उसमे चरती हुई बकरियां और सेबों से लदे हुए पेड़ों के बाग़ | इसकी सुन्दरता में चार
चाँद लगा देते है |यह सब दृश्य देखकर कोई भी पर्यटक सम्मोहित हो जाएगा | यंहा
का वातावरण इतना अच्छा है की यंहा आने के बाद जाने का दिल नही करता | यदि आप इन
छुट्टियों में अधिक मजा चाहते है तो आप कुल्लू मनाली में हरे भरे क्षेत्र और ऊँचे –
ऊँचे पर्वतों पर जाकर आनन्द उठा सकते है | इस स्थान का भ्रमण करके कभी भी भूल नही
सकते |
कुल्लू :- यंहा पर
प्राक्रतिक की सुन्दरता बिखरी हुई है | इस स्थान पर आप किसी भी जगह घूमने के लिए
जाते है तो आप निराश नही होंगे | इस स्थान पर अनेक तीर्थ मन्दिर है | जंहा पूजा
अर्चना की जाती है| जैसे :-काली बाड़ी मंदिर , रगुनाथ मंदिर , बिजली महादेव मंदिर और
वैष्णो देवी का मन्दिर |
मनाली :- इस जगह पर
भी अनेक घूमने के स्थान है | जैसे कोठी वन , वन विहार , तिब्बती बाजार , माल ,
रोहतांग दर्रा , हिडिम्बा देवी का मन्दिर सोलांग घाटी और जगत सुख माता का मन्दिर
आदि देखने योग्य स्थान है |
मनीकरण :- इस स्थान
पर पुराना हिन्दू मंदिर और गुरुद्वारा है | यह स्थान मनाली से 85 किलोमीटर और कुल्लू
से 45 कलोमीटर दूर पर्वत घाटी में पवित्र स्थान है |पुराने समय में कहा जाता था कि
भगवान शिव की पत्नी पर्वती के कान का खोया हुआ झुमका इसी स्थान पर मिला था इसलिए
इस जगह को मानिकरन पड़ गया | यंहा पार्वती नदी के बर्फ की तरह ठन्डे पानी के साथ –
साथ गर्म पानी का झरना है | तीर्थ यात्री इस गर्म पानी के झरने में नहाकर अपनी
बिमारियों को दूर करते है | यह पानी इतना गर्म होता है कि इस पानी में हम दाल चावल
उबाल सकते है | लेकिन नहाते समय इसकी गर्म होने का अनुभव नही होता |
घूमने का स्थान |
कुल्लू मनाली जाने
का रास्ता :- कुल्लू मानली आप किसी भी मार्ग से आसानी से जा सकते है | जैसे रेल
मार्ग , सड़क मार्ग और वायु मार्ग | रेल मार्ग से जाने के लिए नजदीक के रेलवे
स्टेशन चण्डीगढ़ , शिमला और जोगिन्दर नगर से रेल लेकर जा सकते है |
यदि आप सड़क मार्ग से
जाना चाहते है तो टैक्सी या बस से जा सकते है | ये बस दिल्ली चंडीगढ़ होते हुए
कुल्लू तक जाती है | मनाली से वापिस आने के लिए बस सेवा उपलब्ध है |
हवाईअड्डे से :- यंहा
का नजदीक का हवाईअड्डा भुंतर है | इस हवाई अड्डे की कुल्लू से दुरी 10 किलोमीटर की
है और मनाली से ५० किलोमीटर की है |
कुल्लू मनाली स्वर्ग जैसी घाटी | | Kullu Manli Ki Hri Bhri Ghaati,Kullu Manali Mein Ghumne Ka Sthan | कुल्लू मनाली में
मौसम के अनुसार बदलाव |
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