वृक्क की निष्क्रियता और कार्यकल्पता की चिकित्सा
वृक्क यानी किडनी , जब Vrakk o kidney काम करना बंद कर देती है तो या कम
करना शुरू कर देती है तो कई प्रकार की problem और समस्या सामने आती है , सर्व
प्रथम हम इस बारे में बात करेगे की किडनी क्यों फैल हो जाती है , क्यों ये अपना
काम करना बंद कर देती है.
kidney के फैल होने के कारण निम्नलिखित है ,
·
भोजन में तरल पदार्थों की कमी होना
·
मूत्र को अधिक देर तक रोक कर रखना
·
BP ब्लड प्रेशर का high रहना भी इसका कारण हो सकता है ,
·
सरीर में कोलेस्ट्रोल cholesterol की मात्रा अधिक होने से भी रक्त
संचरण प्रभावित होता है और आपकी किडनी kidney पर असर पड़ता है ,
- अधिक मात्रा में शराब और धुम्रपान करना भी इसका कारण हो सकता है
इस प्रकार के रोगियों को नियमित
रूप से योगासन और व्यायाम करना चाहिए , सुगर / sugar की जाँच और blood pressure की
जांच समय समय पर करवाते रहना चाहिए.
सामग्री
सर्वकल्प क्वाथ (sarvkalp kwath) :- १०० ग्राम
वृक्कदोषहर क्वाथ (vrakkdoshhar kwath) :- २०० ग्राम
नीम छाल (neel chaal ) :- ५ ग्राम
पीपल छाल (peepal chaal ) :- ५ ग्राम
बनाने की विधि :- इन सभी औषधियों को आपस में मिलाकर एक मिश्रण
बनाए फिर किसी बड़े बर्तन में ४०० मिलीलीटर
पानी लेकर इसमें एक चम्मच तैयार मिश्रण मिलाकर धीमी – धीमी आंच पर पकने के लिए रख
दें | थोड़ी देर पकने के बाद जब इस पानी की मात्रा १०० मिलीलीटर रह जाए तो इसे
छानकर सुबह और शाम के समय खाली पेट पीयें | इसके आलावा गिलोयघन वटी की २- २ गोली
सुबह और शाम हल्के गर्म पानी के साथ खाएं | वृक्क से जुडी हुई समस्या दूर हो
जायगी |
सामग्री
वसंतकुसुमाकर रस(vasantkusumaarkar rasa) १ ग्राम
गिलोय सत (giloy sat) :- १० ग्राम
ह्जरुल यहूद भस्म(hajrool yahod bhasma) -१० ग्राम
पुनर्नवादि मणडूर(punarnawadi mandoor):- २० ग्राम
श्वेत पर्पटी (shwet prapati) :- ५ ग्राम
इन सभी आयुर्वेदिक औषधियों को आपस
में मिलाकर एक मिश्रण तैयार करे | इस मिश्रण की बराबर की मात्रा में ६० पुड़ियाँ
यानि दो महीने की खुराक बना लें | और किसी डिब्बे में बंद करके सुरक्षित जगह पर रख
दे | रोजाना एक पुड़ियाँ सुबह के समय और एक पुड़ियाँ रात को खाना खाने के आधा घंटा
पहले खाएं | इन औषधियों का प्रयोग ताज़े पानी के साथ , या शहद के साथ करे |
सामग्री
गोक्षुरादि गुग्गुलु ( gokshuradi guggal ) :- ६० ग्राम
चन्द्रप्रभा वटी (Chandra prabha vati) :- ६० ग्राम
वृक्कदोषहर (vrakkdoshahar ) :- ६० ग्राम
इन सभी आयुर्वेदिक औषधियों की एक – एक गोली दिन में कम से कम तीन बार हल्के
गर्म पानी के साथ खाएं |
यदि किसी मरीज को
बल्डप्रेशर हाई हो जाता है तो इस स्तिथि में मुक्तावटी की १ या २ गोली रोजाना सुबह
और शाम खाली पेट ताज़े पानी या काढ़े के साथ
खाए | वृक्क की बीमारी से छुटकारा मिल
जाता है |परहेज - इस प्रकार के रोगियों को चाहिए के वो अधिक तला हुआ भोजन न करे , खोजन में खट्टे फल और लिक्विड डाइट अधिक ले , यानी तरल पदार्थों का सेवन अधिक करे , मसाले कम प्रयोग करे , हरी सब्जियाँ अधिक ले ,
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