पक्षाघात की
बीमारी का ईलाज
पक्षाघात को लकवा भी बोलते है ,
इंग्लिश में इसको paralysis भी कहते है , इस बीमारी का प्रमुख कारण बॉडी के अंदर ब्लड सर्कुलेशन और BP
की शिकायत होने के कारण होता है . ये बीमारी किसी भी मनुष्य के शरीर में हो सकती
है, इसका इलाज टाइम पर करवा लेना सही रहता है , ये बीमारी जिस भी भाग में होता है
वो शरीर का भाग काम करना बंद कर देता है, किसी आयुर्वेदाचार्य से संपर्क करके , सुझाव के बाद निम्न लिखित औषधि का प्रयोग करे ,
सामग्री
१. रसराज रस (rasraaj rasa) :- १ से ३ ग्राम
२. प्रवाल पंचामृत(praval panchamrit) :- १० ग्राम
३ पुनर्नवादि मणडूर(punarvadi mandoor) :- १० ग्राम
४ मुक्ता पिष्टी(mukta pisti) :- ४ ग्राम
५ एकांगवीर रस(ekangveer Rasa) :- १० ग्राम
उपरोक्त औषधियों को आपस में
मिलाकर एक मिश्रण बनाए | अब इस मिश्रण की एक बराबर मात्रा की ४० पुड़ियाँ बनाकर एक
वात रहित डिब्बे में रख ले | भोजन करने से आधा घंटा पहले रोजाना एक पुड़ियाँ
खा लें | इस औषधि को ताज़े पानी के साथ ,
शहद के साथ मलाई के साथ सेवन करे | गाय के दूध के साथ सेवन करने से भी बहुत फायदा
मिलता है |
सामग्री
त्रियोद्शांग गुग्गुलु(triyodashang Guggal) :- ४० ग्राम
मेधा वटी(megha vati) :- ४० ग्राम
शिलाजीत रसायन वटी(shilajeet rasayan vati):-
४० ग्राम
इन सभी औषधि की एक – एक गोली दिन में कम से कम दो बार खाना खाने से आधा घंटा
पहले खाए | इन गोलियों को हल्के गर्म पानी के साथ खाए | पक्षाघात की बीमारी को ठीक करने का सबसे अच्छा उपाय है |
सामग्री
अश्वगन्धा चूर्ण(Ashwagandha Churan):- १०० ग्राम
वातरि चूर्ण(vatri Churan) :- ५० ग्राम
इन दोनों औषधियों को आधा – आधा चम्मच की मात्रा में रोजाना सुबह और शाम दूध
के साथ खाएं | पक्षाघात की बीमारी ठीक होने लगती है | और जल्द ही हम इस बीमारी से
छुटकारा पा लेते है |
परहेज – ठंडी वस्तु का सेवन वर्जित है , ठन्डे पानी से नहाना भी वर्जित है ,
ठंडा पानी पीना मना है ,
खाने योग्य वस्तु – मनुष्य के लिए खाने योग्य वस्तु है गर्म पानी, खजूर,
परवल , किसमिस , मुनक्का, गर्म तासीर की वस्तु का ही सेवन करे, लहसुन का खूब सेवन करे ,
अनचाहे बालों का समाधान
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pakshaghaat ki bimari mein shareer ka koi bhi bhaag bilkul kaam karna bandh kar deta hai , is bimari mein thandi vastu ka sevan karna varjit hota hai , iske liye rogi ko turant kisi anubhavi or experienced chikitsak se sampark karke apna ilaj suru karwa dena chahiye, lakwa ka jaise hi attack hota hai yedi turant dwa di jaye to iske prabhaav ko jaldi hi khatam kiya ja sakta hai , thandi vastu ka sevan karna varjit hai , garm taseer wale bhojan ka sevan hi kare, thanda paani , freeze ka paani bilkul bhi na peeye, lahsun, munakka, mismis , angoor, khajoor, ityadi ka sevan kare,
Hlo sir lakaw k perj bhato na plz sir
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