कब्ज एक गंभीर रोग है एक अकेली कबज से शरीर में अनेकों रोग जन्म लेते है , कब्ज के कारण पुरे सरीर का संतुलन बिगड़ जाता है, इस रोग को दूर करने के लिए कुछ घरेलु नुस्खे दिए गये है यदि इन योगासन का अभ्यास नित्य नियम से किया जाये तो कब्ज जैसा भयंकर रोग कभी नहीं होगा, आइये इन योगासनों के बारे में बातें करते है .
प्रथम योग –
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kaz rog je liye aasan |
इस योग को करने से
पहले अपने दोनों पैरों को कम से कम ३० सेंटीमीटर का फासला देते हुए बिल्कुल सीधे
खड़े हो जाये फिर अपने घुटनों को इस तरह से मोड़कर बैठे मानो ऐसा लगे की आप किसी
वस्तु या कुर्सी के ऊपर बैठे हो और अपने दोनों हाथों को घुटनों के नीचे की तरफ
रखें फिर अपने शरीर के ऊपर वाले भाग को घुटनों की तरफ धीरे-धीरे झुकाए पेट पर
जितना ज्यादा बल पड़ता है पड़ने दें और एक लम्बी सांस लेते हुए सीधे हो जाये तथा
सांस छोड़ते हुए इस क्रिया को दोबारा इसी तरह से दोहरायें, इस क्रिया को ५ से १०
बार से ज्यादा न करें.
लाभ – इस व्यायाम को करने से आपको बहुत से लाभ होगें जैसे – शौच खुलकर आना, कब्ज की शिकायत दूर होना व पेट से जुडी सभी बिमारियों से छुटकारा मिल जाता हैं. पेट से वात निष्काषित हो जाएगी.
लाभ – इस व्यायाम को करने से आपको बहुत से लाभ होगें जैसे – शौच खुलकर आना, कब्ज की शिकायत दूर होना व पेट से जुडी सभी बिमारियों से छुटकारा मिल जाता हैं. पेट से वात निष्काषित हो जाएगी.
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कब्ज रोग के लिए उदरासन योग |
नोट – इस व्यायाम का उपयोग ह्रदय रोग से ग्रसित
व्यक्तियों को बिल्कुल नहीं करना चाहिये.
लाभ-१. इस व्यायाम से हमारी आंतों में आराम
पहुंचता है उनकी कार्य करने की क्षमता में बढ़ोतरी होती है.
२.श्वांस से पीड़ित व्यक्तियों को इस आसन से अधिक
लाभ मिलता है.
३. इस आसन से कब्ज की शिकायत दूर होती है और
पतले दस्त में अधिक आराम मिलता है.
४. इस व्यायाम को करने से पेट या उसके आस-पास के
जो भी भाग नीचे की तरफ आ जाते हैं वे अपने आप ही अपने स्थान पर आ जाते है.
५. सम्भोग शक्ति प्रबल होती है, अण्डकोश बढ़ने की
शिकायत दूर होती है व वीर्य उर्ध्वगामी होती है. साथ ही हर्नियां के रोग में भी
अधिक लाभ प्राप्त होता है.
६. हर व्यक्ति अपने बढ़े हुए पेट से ज्यादा
परेशान है लेकिन इस व्यायाम को करने से बढ़ा हुआ पेट तो कम होता ही है साथ ही पेट का लटकपन दूर होकर
उसमें खिचाव हो जाता है.
तेरहवाँ चरण –
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कब्ज रोग को ठीक करने वाला काग आसन |
जिस आसन के बारे में हम
आपको बताने जा रहें है उसका नाम है ‘काग आसन’ इस आसन का नाम काग आसन इसलिए
रखा गया है क्योंकि इस आसन में कौए की तरह पैरों के पंजो पर चलने की कोशिश की जाती
है इसलिए इसे काग आसन कहा जाता है.
विधि – इस आसन की करने की विधि
इस प्रकार है की अपने दोनों पैरों के पंजों को जमीन पर रखकर या अच्छी तरह से
टीकाकर अपनी एडियों पर दोनों नितम्बों को रखकर नीचे बैठ जाये और धीरे-धीरे आगे की
तरफ चलने की कोशिश करे, शुरू-शुरू में पंजों के बल चलने में अधिक परेशानी महसूस
होगी लेकिन २ मिनट तक चलने की कोशिश करे
फिर ८ से १० मिनट तक चलें.
लाभ – इस व्यायाम को करने से
हमारे शरीर के भागों में अधिक आराम मिलता है जैसे- हमारे पैरों के चलने की क्षमता
बढ़ती है साथ ही पैरों के सभी जोड़ो को मजबूती प्राप्त होती हैं.
२. बहुत से लोग कब्ज की बीमारी से परेशान हो
जाते है लेकिन इस बीमारी को दूर करने के लिए इस काग आसन को कर कब्ज की शिकायत दूर
किया जा सकता है तथा इस व्यायाम रोजाना करने से
भूख खुलकर लगने लगती है साथ ही शरीर में कमजोरी पन भी दूर हो जाती है.
चौदहवां चरण –
इस चरण को करने से पहले
आप अपने दोनों पैरों को खोलकर इस तरह से खड़े हो जाये की उनके बीच की चौड़ाई लगभग ६०
सेंटीमीटर हो फिर अपने दोनों हाथों को अपनी पैरों के जोड़ के सामने रखें तथा
धीरे-धीरे नीचे की तरफ बैठने की कोशिश करें व नितम्बों को अपने घुटनों के बराबर
रखें यह ध्याय रखे की अपने हाथों को जमीन से न लगने दे और हाथ ढीले न होने पायें.
नोट – इस बात का ध्यान रखे कि
इस आसन को गर्भवती महिला न करे तथा गर्भ ठहरने से पहले इस आसन को करने से गर्भवती
महिलाओं को प्रसव के समय होने वाले कष्ट से राहत मिलती है.
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कब्ज रोग निवारण हेतु व्यायाम |
लाभ – इस आसन से कब्ज की बीमारी ठीक हो जाती है
तथा पाचन क्रिया भी ठीक से कार्य करने लगती है.
२. व्यायाम को करने से हमारे घुटनों, पिण्डलियाँ
और जांघें मजबूत होती है तथा पुरुषों की शक्ति क्षमता में भी वृद्धि होती है.
३.मानव के शरीर के सभी अंग पुष्ट और फुर्तीले हो
जाते है.
yoga for kabj diseases, physical exercise yoga or vyayaam kabz ki bimari ko theek karne mein bhaut mahatavpurn bhumika nimbhate hai , constipation, adhik dast ho ya phir kabji ho, ya patle dast ho in sabka ilaj yogasanon ke dwara kiya ja sakta hai, yog ki vibhinn mudra ka sahara lekar theek kiya ja sakta hia , kabj anekon rogon ko invitation deta hai isliye sareer mein kabj rog kabhi na hone de. female ko kuch aasan nahi karne chahiye,, garbh dharan karne ke baad aasan karne se pahle apne yogacharya se jaroor salaha le.
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