ध्यान देने योग्य बातें
Yog se pahle dhyan dene wali baatien
जैसा की हम सभी जानते है
कि योग और षट्कर्म के उपयोग से हमारा शरीर स्वस्थ और निरोग हो जाता है | लेकिन हमें
इनका उपयोग समय के अनुसार करना चाहिए | और उतना ही करना चाहिए जितनी हमारे शरीर
में क्षमता होती है | हमें इनके उपयोग करने के लिए ज्यादा जोर नहीं लगाना चाहिए |
yog se pahle kya kare |
२. प्राणायाम और योगासन
के लिए आस – पास का वातावरण साफ़ और स्वस्छ होना चाहिए | इसके आलावा वायु युक्त ,
हवादार जगह सबसे अच्छा माना गया है | ज्यादा ठण्ड के समय हमें अपनी सहनशीलता के
अनुसार किसी एक कमरे में सामान्य तापमान में योग का अभ्यास करना चाहिए |
३. सभी योगासन और प्रणायाम को सुबह के समय खाली
पेट करना चाहिए | और यदि शाम के समय करना है तो खाना खाने के चार घंटे बाद करना
चाहिए |
४. यदि किसी मानव को कमर
में या पीठ में दर्द रहता है तो उसे आगे झुकने वाले आसन और प्राणायाम नहीं करना
चाहिए | यह हमारे शरीर को नुक्सान भी पहुंचा सकते है | इसलिए आरम्भ में हमेशा गुरु की शरण में ही योग करना उत्तम माना गया है .
५.यदि किसी व्यक्ति को चोट लगने के बाद तीव्र
दिल के रोग व अन्य अल्सर , जीर्ण रोग से पीड़ित है | तो उसे पीछे झुकने वाले या पेट
के खिचाव या दाब डालने वाले प्रणायाम का अभ्यास नहीं करना चाहिए | और अगर किसी
मनुष्य की पेट की सर्जरी हो चुकी है या वह हर्निया से पीड़ित है तो उसे भी ये आसन
नहीं करना चाहिए | यह उनके लिए नुकसानदायक सिद्ध हो सकता है |
योग से पहले ध्यान देने योग्य बाते |
६.आयुर्वेद में मुख्य
रूप से तीन प्रकार के रोग माने गये है | जैसे वात , पित्त और कफ
गर्भवती महिला को योग
केवल और केवल गुरु की शरण में ही करना चाहिए, बिना योगाचार्य के परामर्श , घर पर
भी किसी प्रकार का योगासन न करे , केवल ध्यान लगाये और शांत होने का अभ्यास जरूर
करे.
yog sambandhi niyam योग संबंधी नियम |
यदि इनका प्रभाव अधिक हो
जाता है तो इससे अनेक रोग हो जाते है | इसे दूर करने के लिए और शरीर को निरोग करने
के लिए आसन और प्रणायाम को नियम के अनुसार करना चाहिए | इससे हमारा शरीर चुस्त और
तंदुरस्त हो जाता है |
No comments:
Post a Comment