दाँतों
का सौन्दर्य
कोई भी
व्यक्ति चाहे वह स्त्री हो या पुरुष एक हलकी सी मुस्कान उसके चेहरे की सुन्दरता
में चार चाँद लगा देती है. मुस्कुराहट हमारे व्यक्तित्व को निखारने में भी अहम
भूमिका निभाता हैं. मुकुराना न केवल हमारी सुन्दरता को बढाता है बल्कि यह हमारी
सेहत के लिए भी अति आवश्यक हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि जो व्यक्ति रोज़ाना कुछ
समय हँसते है उनकी आयु में अवश्य वृद्धि होती हैं. जब हम किसी से मिलते है तो
मुस्कराकर मिलते है तो यह हमारे सभ्य होने को दर्शाता हैं और साथ ही दुसरो के
प्रति स्वागत सत्कार के भाव को भी दर्शाता हैं. हमारी मुस्कुराहट में हमारे दाँतों
की भूमिका काफ़ी महत्वपूर्ण होती हैं. ऐसे में यदि हमारे खुबसूरत चेहरे में हमारे
दाँतों की सुन्दरता में कही कोई कमी हो तो यह हमारे चेहरे की खूबसूरती को कम कर
देता हैं, दाँतों में किसी भी प्रकार की कमी जैसे उनका आकर ठीक न होना, पीला होना,
मुहँ में से बदबू आना, किसी रोग से युक्त होना हमारी खूबसूरती पर बुरा प्रभाव
डालता हैं. ऐसे स्थिति में हमें अपनी मुस्कान छिपानी पड़ती हैं जिससे हमारे
आत्मविश्वास में भी कमी आती हैं.
दाँतों को खुबसूरत व अच्छे
बनाने के लिए कुछ व्यायाम :-
जिस प्रकार शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम
जरूरी हैं ठीक उसी प्रकार हमारे दाँतों को सुन्दर, मजबूत व आकर्षक बनाने के लिए भी
कुछ व्यायाम व जरूरी बातें है जिन्हें ध्यान में रखकर व अपना कर हम अपने दाँतों की
खूबसूरती को बढ़ा सकते हैं. हमें नित्य दो बार, एक बार सुबह उठने के बाद व एक बार
रात को सोने से पहले दातुन अवश्य करनी चाहिए, साथ ही यदि हम दातुन को अच्छे से चबा
चबाकर की जाये तो यह भी हमारे दाँतों के लिए एक अच्छा व्यायाम हैं. इसके अलावा चना चबाना, गन्ना छीलकर खाना, फलो
को कुतरकर, चबाकर खाने से व अन्य कड़ी वस्तुओं को चबाकर खाने से भी हमारे दाँतों की
कसरत होती हैं. साथ ही हमे खाना खाने के बाद हमेशा चार से पांच बार कुल्ला अवश्य
करना चाहिए. ऐसे कुछ हलके फुल्के व्यायाम करके हम अपने दाँतों की चमक व खूबसूरती
को बढ़ा सकते हैं.
दाँतों के कुछ रोग व उनके
उपचार :-
आपके आकर्षक चेहरे के साथ आपके मोती जैसे चमकते
दाँतों के होने के बावजूद यदि कोई आपसे बातें करने में कतराता है या आप अपने किसी
मित्र या जानने वालों से बातें कर रहे है और वें आपसे मुहँ फेर रहे है या अपना
चेहरा बचाकर बात कर रहे हैं तो ऐसी स्थिती में कुछ देर बाद आपको इस बात का जरुर
अहसास होगा कि इन सब बातों का कारण आपके मुँह से आ रही बदबू हैं. आपके मुहँ से आने
वाली गंध के कारण सामने वाले व्यक्ति को ऐसा करने पर मजबूर होना पड़ रहा हैं. इस
बात का अहसास होने पर आपको बड़ी शर्मिंदगी महसूस होगी व आप स्वयं दूसरों से बात
करने में कतरायेंगे.
मुहँ से बदबू के कई कारण हो सकते हैं जैसे
रोजाना दातुन न करना, दाँतों में पायरिया हो जाना, मुहँ ठीक से साफ़ न करना आदि,
दाँतों की अस्वस्थता या पायरिया के हो जाने का मुख्य कारण खान-पान के बाद मुहँ को
अच्छी प्रकार से साफ़ न करना होता हैं इसलिए मुहँ को नियमित रूप से साफ़ करते रहना
चाहिए. ऐसा ना करना जहां आपके चेहरे की खूबसूरती में कमी लाता हैं वही आपके दाँतों
में अनेक प्रकार की बीमारी होने की सम्भावना को बढ़ाता हैं. पायरिया जैसी बीमारी
आपके दाँतों को धीरे धीरे नष्ट कर देती हैं.
पायरिया जैसी बीमारी से छुटकारा पाने के लिए एक
तो हमें मुहँ को साफ़ रखने के तरीको से अवगत होना चाहिए व उन्हें अपनाना चाहिए .
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