अजमोद
का
दवाइयों
के
रूप
में
प्रयोग
दांतो
में
दर्द का उपचार :-
मानव के दांतो में दर्द होने से वह ठीक प्रकार से खा भी नहीं सकता । दांत दर्द कई कारणों से
हो सकता है , यदि आप दन्त दर्द से परेशान है तो इसको ठीक करने के लिए अजमोद को जलाकर इसकी धूनी बना ले , इस धुनी में
थोडा नमक और सरसों का तेल मिलाकर दांतो की मालिस करे इससे दांत का दर्द ठीक हो जाता है ।
सिर का दर्द का इलाज :-
इस दर्द को मिटाने के लिए अजमोदा के पौधे की जड़ को पानी में उबालकर कोफ़ी की तरह पीना चाहिए । इस विधि का प्रयोग आप अपने घर पर आसानी से
कर सकते है । इस साधारण से प्रयोग से वात दर्द - नाड़ियो
का रोग व सिर का दर्द भी ठीक हो जाता है ।
श्वास सम्बन्धी बीमारी :-
आजकल
बढ़ते प्रदूषण के कारण फेफड़ो से सम्बन्धी अनेक बीमारियाँ पैदा हो जाती है । यदि इनका समय पर इलाज न
करवाया जाये तो ये बीमारियाँ खतरनाक भी सिद्ध हो सकती है । साँस की बीमारी भी एक जानलेवा बीमारी है । इसलिए इसका समय पर ही उपचार करना चाहिए । इस बीमारी को ठीक करने के लिए अजमोद के बीज को ३ -६
ग्राम की मात्रा को कूटकर पानी के
साथ लें । अजमोद का पौधा बलवर्धक और उत्तेजक होता है । इसीलिए इस पौधे का उपयोग साँस सम्बन्धी रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है । इसके आलावा यदि हम अजमोद को पान में रखकर चूसे तो सुखी खांसी की शिकायत भी दूर हो जाती है ।
हिचकी का समाधान :-
खाना खाने के बाद यदि हिचकियाँ आनी शुरू हो जाये तो उसे अपने मुँह में अजमोद के १० -१५
दाने रखने से या फिर पत्तियों को
चबाने से हिचकियाँ ठीक हो जाती है ।
वमन
या
उलटी का उपचार अजमोद पौधे के साथ :-
यदि
किसी मनुष्य को उल्टी आती हो या फिर जी मचलता हो तो उसे अजमोद के पौधे के बीज की २ -५ ग्राम
का चूर्ण खाने से वमन ठीक हो जाता है। इसके अलावा आप इस पौधे
के पत्तों को भी चबा सकते है । इसके
आलावा २-५
ग्राम अजमोद की बीज और २- ३
लौंग की कली को पीसकर उसे शहद के साथ खाने से भी वमन की शिकायत दूर हो जाती है ।
गर्भवती महिला अजमोद का सेवन न करे
अजमोद
के खाने के बाद छाती में जलन पैदा हो जाती है । गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए । क्योकि यह गर्भाशय उत्तेजिक होती है इसके उपयोग से गर्भपात भी हो सकता है ।
अपस्मार
से पीड़ित रोगी को भी अजमोद का सेवन नहीं करना चाहिए ऐसा करने से हानि हो
सकती है ।
अजमोद का अधिक सेवन निषेध है ये डॉक्टर की सलाह से ही लेना
चाहिए .
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