शतावरी एक चमत्कारी आयुर्वेदिक औषधी
:-
शतावरी एक ऐसी औषधी है | जिसका उपयोग महिला भी करता है और पुरुष भी करता है |
यह औषधी सेक्स पावर को बढ़ाने में मदद करता है | आज के भाग दौड़ भरी जिन्दगी में हर
मनुष्य व्यस्त रहता है | वह दिनभर काम करके थका हुआ घर में आता है और जल्द ही सो
जाता है | उसके सेक्स करने की इच्छा खत्म होने लगती है | इसका सीधा असर शादीशुदा
जीवन पर पड़ता है | इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए शतावरी से अच्छा कोई उपाय हो
नही सकता | यह औषधी महिला और पुरुष में सेक्स करने की इच्छा को जगाता है | इसके
साथ ही साथ सेक्स के समय में भी बढ़ोतरी होती है | अगर आप गर्भवती है या आपको
ब्लडप्रेशर का रोग है तो शतावरी का उपयोग करने से पहले चिकित्सक का परामर्श अवश्य
लें | शतावरी का पौधा दिखने में कैसा लगता है | इस बात की जानकारी हम आपको दे रहे
है |
Shtvari Ke Gun Or Uske Upyog |
शतावरी के पौधे का स्वरूप |
शतावरी के पौधे का स्वरूप ;- शतावरी
का पौधा झाड़ीनुमा होता है | यह एक बेल होती है | इसके फूलों एक से दो इंच लम्बे
होते है और एक गुच्छे में लगे हुए होते है | इसके फल मटर के आकार के होते है|जो पकने पर लाल रंग के हो जाते है |
आयुर्वेद में बहुत सारी जड़ी बूटियों
के बारे में अपने पढ़ा होगा या फिर आप उन सभी जड़ी बूटियों के बारे में जानते होंगे
| लेकिन शतावरी नामक औषधी का अपना ही एक महत्व है | इस औषधी को पुराने समय से ही
रोगों को ठीक करने के लिए प्रयोग किया जाता है | इसके उपयोग से मानव को रोगों से
लड़ने की शक्ति मिलती है | इस औषधी में शुक्राणु को बढ़ाने की शक्ति होती है |
आयुर्वेद आचार्यों का यह मानना है कि शतावरी नामक औषधी मनुष्य की जवानी को बरकार
रखती है | इसके आलावा शतावरी की बेल की जड़ के उपयोग से दिल के सभी परेशानी को दूर
किया जाता है |आज हम आपको शतावरी के गुणों और उसके उपयोग के बारे में बतायेंगे |
जिसका उपयोग करके आप बहुत सी बिमारियों से निजात पा सकते है |
गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर की सलाह लेने की जरूरत |
शतावरी के उपयोग :-शतावरी के बेल की
जड़ लें | इसे अच्छी तरह से सुखा लें | जब यह जड सुख जाये तो इसे पीसकर बारीक़ पावडर
बना लें | अब एक कप पानी लें | इसे आंच पर गर्म करें इसमें शतावरी की जड़ से बनाया
हुआ चूर्ण मिलाकर पका लें | जब यह पक जाये तो और काढ़े के रूप में बन जाये तो इसे
आंच से उतार कर ठंडाहोने के लिए रख दें | काढ़ा ठंडा होने के बाद पी लें | इस काढ़े
का सेवन करे से सेक्स करने की पावर मिलती है और मन में इच्छा जागृत होती है |
यदि आपको नींद नही आती है और हमेशा
तनाव में रहते है | तो इस परेशानी से मुक्ति पाने के लिए शतावरी के पौधे की जड़ की
खीर बनाकर खाएं | यदि आप इसमें थोडा सा गाय का घी मिलाकर खाते है तो बेहतर होगा |
इस उपाय को करने से आप तनाव से मुक्त हो जायेंगे और आपको अच्छी नींद आएगी |
शतावरी एक बहुत ही चमत्कारी औषधी है |
इस औषधी के उपयोग से आप बहुत सी बीमारी को दूर कर सकते है | शतावरी का मुख्य रूप
से प्रयोग सेक्स की क्षमता को बढ़ाने के लिए किया जाता है | जैसा की उपर बताया जा
चूका है कि शतावरी का पौधा झाड़ीनुमा होता है | और इसका उपयोग पुराने समय से ही
किया जाता रहा है | इस औषधी के प्रयोग से मानव का शरीर पुष्ट बनता है और सुडोल
बनता है | यह हमारे शरीर से सभी विकारों को दूर करता है |
सिर के दर्द को ठीक करने के लिए |
सिर दर्द के लिए :- शतावरी के पौधे की
जड़ को पीसकर उसका रस निकाल लें | इस रस में इसी के बराबर की मात्रा में तिल का तेल
मिलाकर पका लें| जब यह तेल पक जाये तो
इससे सिर की मालिश करें | इस उपाय को करने से सिर दर्द में आराम मिलता है | इसके
आलावा माइग्रेन से भी निजात मिलती है |
खांसी के लिए :- जब किसी व्यक्ति को
खांसी हो जाये और वह बहुत परेशान है तो शतावरी के जड़ का चूर्ण ,वासा के पत्ते को
पीसकर निकाला गया रस को आपस में मिलाकर मिश्रण बनाएं | इस रस के मिश्रण को मिश्री
के साथ खाएं | इस उपाय को करने से खांसी का रोग ठीक हो जाता है |
प्रसूता स्त्री के लिए :- कई बार
स्त्रियों को प्रसव के बाद दूध नही उतरता | इसके लिए शतावरी के चूर्ण को पांच
ग्राम की मात्रा को गाय के दूध के साथ खाने से लाभ मिलता है |
Sex SE Judi Hui Samsya Ko Dur Kren |
अगर पुरुषों में यौन क्षमता कम होने
लगे तो इसे ठीक करने के लिए शतावरी के चूर्ण को दूध में पकाकर खाएं | इस उपाय को
करने से सेक्स करने की क्षमता बढ़ जाती है |
इसका सेवन करने से मनुष्य की जवानी
हमेशा बरकार रहती है | इसके आलावा शतावरी के पौधे की जड़ का चूर्ण दिल के रोगों को
ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है |
शतावरी के चूर्ण की लगभग 5 ग्राम
चूर्ण को गर्म दूध के साथ खाने से लाभ मिलता है इस उपचार को रोजाना सुबह और शाम के
समय करें | इस औषधी को दूध में पकाकर खाएं | इससे जवानी बरकराकर रहती है |
शतावरी का सेवन करने से स्त्रियों के
स्तनों के आकार में वृद्धि होती है |
Shtvari Mein Koun Se Ttv Hote Hai, |
शतावरी एक चमत्कारी औषधी है | शतावरी
के पौधे की जड़ का रस निकालकर नियमित रूप से प्रयोग करने से वीर्य में वृद्धि होती
है |
प्रमेह के रोग के लिए :- शतावरी के
पौधे की जड़ को सुखाकर उसका बारीक़ चूर्ण बना लें | इस तैयार चूर्ण की 2 ग्राम
मात्रा में दो ग्राम मिश्री मिलाकर रोगी को दें | इस औषधी को रोजाना गर्म दूध के
साथ सुबह और शाम के समय दें | इस उपाय को करने से प्रमेह का रोग दूर हो जाता है |
इसके आलावा इस उपचार को करने से स्वप्न दोष भी दूर हो जाता है |
धातु रोग के लिए :०- शतावरी के पौधे
की जड़ को सुखाकर उसका बारीक़ चूर्ण बना लें | इस चूर्ण को रोजाना गर्म दूध के साथ
मिलाकर खाने से इस रोग से मुक्ति मिल जाती है |
मूत्र विकार के लिए :- शतावरी के
चूर्ण को गोखरू के साथ खाने से मूत्र में हुए विकार दूर हो जाते है |
घाव को ठीक करने के लिए :- शतावरी के
पौधे की पत्तियों को पीसकर उसका कल्क बनाएं | जंहा पर घाव हो उस स्थान पर इस कल्क
को लगायें | इस उपचार को करने से घाव शीघ्र ही भर जाते है |
स्वप्न दोष के लिए :- शतावरी के पौधे की जड़ को
सुखाकर उसका बारीक़ चूर्ण बना लें | इस तैयार चूर्ण की 2 ग्राम मात्रा में दो ग्राम
मिश्री मिलाकर रोगी को दें | इस औषधी को रोजाना गर्म दूध के साथ सुबह और शाम के
समय दें | इस उपाय को करने से प्रमेह का रोग दूर हो जाता है | इसके आलावा इस उपचार
को करने से स्वप्न दोष भी दूर हो जाता है |
htvari Ke Vibhinn Laabh |
शतावरी के पौधे की जड़ के चूर्ण की
लगभग 5 से 10 ग्राम की मात्रा में रोजाना गर्म दूध के साथ देने से धातु में वृद्धि
होती है |
बहुत से लोग इसे अपने भैंस और गाय को
खिलाते है जिससे उनको दूध आने लगे |
ज्वर में :- शतावरी के पौधे की जड का
रस और गिलोय के पौधे की जड़ का रस दोनों को आपस में मिलाकर क्वाथ बनाएं | इसे रोगी
को पिलायें | इस उपचार को करने से वात ज्वर या किसी कारण होने वाला ज्वर ठीक हो
जाता है |
शतावरी के पौधे की जड़ का रस निकालकर
उसमे थोडा सा शहद मिलाकर खाने से पित्त सम्बन्धी रोग मिटते है | इसके आलावा जलन और
शरीर में होने वाला दर्द भी ठीक हो जाता है |
Mahilaon Or Purushon Ke Liye Hai Laabhdayak |
तो दोस्तों ये थे शतावरी के कुछ गुण |
जिनका उपयोग करने आप अपनी परेशानी को दूर सकते है | लेकिन एक बात का अवश्य ध्यान
दें | इसका प्रयोग करने से पहले किसी आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह अवश्य लें |
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