दमा और कफ के रोग में
प्रयोग होने वाला पिप्पली कल्प
बनाने की विधि :- एक छोटी
सी पिप्पली का नग लेकर इसे गाय के दूध में लगभग 10 से 15 मिनट तक उबालें | उबालने के बाद पहले पिप्पली का सेवन करे | और बाद में दूध पी लें | इसी तरह अगले दिन दो
पिप्पली की नग लें | इसे दूध में उबालें पहले पिप्पली खाए और बाद में दूध पीयें | इस प्रकार 7 से 11 पिप्पली
तक सेवन करें | 11 वीं पिप्पली का
सेवन करने के बाद अगले दिन से एक – एक पिप्पली को घटाते जाये | और वापिस एक पिप्पली के नग
पर लौट आयें | इस कल्प के प्रयोग
से कफ , दमा , नजला और पुरानी से पुराणी
खांसी ठीक हो जाती है | साथ ही साथ इसके प्रयोग से गैस , मन्दाग्नि , अपचन आदि बीमारी भी ठीक हो
जाती है |
इस दूध का सेवन रोजाना सुबह
के समय करना चाहिये | किसी भी खट्टी वस्तुएं , ठंडी चीजें , घी , और तेल का उपयोग ना करें | दिन में साधारण भोजन का
उपयोग करे |
pipili or long pepper ka medicinal use in hindi, pipli ka sevan karne se kya laabh ho sakta hai, doodh mein pipli ko boil karke pahle pipli ko kha le or phir, pipli ka sevan milk ke saath karne se fefdo se jude hue rog or bimari jaise cough, dama or khaanis jaise ghatak bimari theek ho jaati hai,
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