पुरानी खांसी का आयुर्वेदिक उपचार : -
खांसी होने के कई कारण हो
सकते है जैसे :- कुछ ठंडा – गर्म पीना , मौसम में बदलाव , या धूल मिट्टी होने के कारण
आदि | मनुष्य को यदि खांसी
का रोग हो जाता है तो वह ठीक तरह से सो नहीं सकता और कोई भी काम नहीं कर सकता | ऐसी अवस्था में मनुष्य अपने घर में उपस्थित सामग्रियों
से अपना इलाज कर सकता है |
जैसे :- एक मुलेठी का टुकड़ा, दो दाने काली मिर्च और थोड़ी सी मात्रा में मिश्री मिलाकर
मुंह में रखकर चूसें | यह प्रयोग दिन में कम से कम दो या तीन बार खाली पेट करें | पुरानी से पुरानी खांसी , गला बैठाना , गले की खराश आदि रोग ठीक हो
जाते है |
( कफ , सांस् की बीमारी , पीनस का रोग , साइनस , और सिर का दर्द में प्रयोग
होने वाला रीठा का पानी )
सामग्री :-
त्रिकटु का
चूर्ण (Trikatu Churan) :- 2 से 3 ग्राम
रीठा का चूर्ण (Reetha Churan) :-
1 से 2 ग्राम
बनाने की विधि : - इन दोनों औषधियों को
आपस में मिला लें | फिर एक बर्तन में 50 मिलीलीटर पानी में इस मिश्रण को रात के
समय भिगोकर रख दें | अगले दिन सुबह उठकर पानी छानकर एक शीशी में भरकर रख लें | रोजाना खाली पेट अपने नाक
में इस औषधी की 4 से 5 बूंद डालने से शरीर में जमा हुआ कफ बाहर निकल जाता है | बन्द नाक खुल जाता है और
साथ साथ सिर का दर्द भी ठीक हो जाता है |
सावधानी -
- फ्रिज की ठंडी चीजों के सेवन से परहेज करे ,
- चिकनाई युक्त भोजन के बाद पानी न पीये ,
- जब भी पानी पीये तो गर्म पानी का सेवन करे ,
- अधिक वसा को अवॉयड करे ,
- मोर्निंग वाक जरूर करे ,
- तेज तेज कदमो से चलने का अभ्यास करे ,
- धुम्रपान बिलकुल भी न करे ,
- तम्बाकू का सेवन वर्जित है ,
khansi ka gharelu ilaj, purani khansi ko aap apne ghar mein prayog hone wale chhoti chhoti cheejo se bhi theek kar sakte hai, adhik chilled vastu ka sevan na kare, agar chhti or chest mein cough jam jaata hai to poori body ki growth rook jaati hai, aapke shareer mein jama balgam or malgam ko bahar nikal deti hai ye desi dwa daaru, mulheti ka tukda , do daane kali mirch , ye sab theek ho jaata hai, gale ki kharas or gala baitha hua bhi durust hota hai,
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