मासिक धर्म :- वासा के पौधे के पत्ते ऋतुस्राव को नियंत्रण करते है । इसमें वासा के पत्तों के रस में मूली व गाजर के बीज को मिलाकर पानी में उबालकर पका ले । पकते समय जब एक चौथाई रह जाये । तो इसे ठंडा करके पी ले । इस उपचार को लगातार कुछ दिनों तक करने से बहुत फायदा मिलता है ।
Vasa plant leaves also control female's Mahwari problems. Take vasa plant leaves , carrot seeds and Radishes seeds, put on fire all these products in clay pot with one letter water , when it remain ¼ then leave it to reach at normal temperature . give this to the Masik Dharam problem facing women. It will cure the problems.
Treatment of renal colic/ गुर्दे का दर्द का उपचार :-
तिल के तेल से
मालिस करके , वासा
के पत्तों और नीम के पत्तों को थोड़ा सा गर्म करके पेट की नाभि पर सेके । और ५ ग्राम वासा के पत्तों के रस में में शहद मिलाकर पीने से गुर्दे में भयंकर दर्द ठीक हो जाता है । इससे शरीर को कोई हानि नहीं होती है ।
Take fresh
Vasa Paudha leaves and Neem Leaves , warm these leaves , apply or give massage
to the painful place and bind around the stomach properly, take only 5 grams
Vasa plant leaves juice and honey as per taste mix this and take it . it will
cure unbearable kidney pain. It don’t give any side effect on body.
अतिसार :- दस्त से पीड़ित रोगी को वासा के पत्तों का रस निकालकर दिन में कम से कम तीन या चार बार पीना चाहिए । इस उपयोग से रक्तातिसार को बहुत फायदा मिलता है । खून में संक्रमण की समस्या भी समाप्त हो जाती है।
Loose motion
or Dast or Atisaar ka ilaj. Vasa plant leaves juice can cure the loose motion
of Diarrhea problem. Dast lagne par Vasa
ke paudhe ka juice peene se laabh milta hei . it also cure the blood
infections. Khooni dast bhi theek ho jata hei ,
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