मनुष्य के लिए कुछ आवश्यक जानकारी |
लोगों के लिए कुछ जरूरी जानकारी :- आज हम आपको हर रोग के
उपाय के बारे में बता रहे है | यदि आप हमारे बताएं हुए तरीकों का इस्तेमाल करेंगे
| तो आपको कभी भी डॉक्टर के पास जाने की आवश्कता नही पड़ेगी | आप अपनी परेशानी का
इलाज खुद ही कर सकते है |और साथ में दुसरे को भी बता कर उसकी भी परेशानी हल कर
सकते है | आधुनिक युग में मानव ने चिकत्सा के क्षेत्र में इतनी तरक्की कर ली है कि
आप अपने चारो और देखेंगे कि कितने नर्सिंग होम , कितने होस्पिटल आदि बन गए है | परन्तु
क्या आपने कभी ये सोचा है कि पहले के समय में जब डॉक्टर नही थे , अस्पताल नही थे |
तो क्या लोग बीमार होकर मर जाते थे | क्या आबादी कम होती जा रही थी | जी नही | ये
बिल्कुल गलत है | पहले के लोग आज के मुकाबले ज्यादा स्वस्थ थें | आज भी कई गाँव
ऐसे है | जंहा डॉक्टर की और अस्पताल की कोई अच्छी सुविधा नही है | फिर भी आपको 100
में से 90 बूढ़े और जवान व्यक्ति खेतों में काम करते हुए मिलेंगे | क्या है उनके
अच्छे सेहत का राज , उनकी दिनचर्या , खान – पान का अनुपात आदि इन सभी चीजों में
क्या जरूरी होता है | आज हम आपको इन्ही सब बातों की जानकारी दे रहे है |
bahr ki chijon se prhej kren |
मनुष्य को मौसम में आने वाली सब्जियों का अधिक से अधिक
सेवन करना चाहिए | क्योंकि कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि मौसम के अनुसार शरीर की
रासायनिक किर्यायें बदल जाती है | इसलिए अपने खान – पान का अवश्य ही ध्यान रखना
चाहिए | खाना – खाने के बाद थोडा सा टहलना चाहिए | सोते समय बाई ओर करवट लेकर सोया
जाये तो अत्यंत लाभकारी होता है | हमे कभी भी रात का बासी भोजन नही करना चाहिए | इससे
आपकी सेहत खराब हो सकती है | इसके आलावा भोजन खाने के बाद ना अधिक तेज़ चलना चाहिए
और ना ही तेज़ दोड़ना चाहिए | इससे हानि होती है | आपको कौन से भोजन के बाद कौन सा
आहार करना है | , कौन सा भोजन आप के लिए लाभकारी है |तथा कौन सा भोजन आप के लिए हानिकारक है |अब
हम आप को बताने जा रहे है |
Mnushy Ko Kya Khana Chahiye |
दूध के साथ किन फलों को नही खाना चाहिए वह फल यह है
|आम,केला नींबू ,वेहरी ,बेर कमरख ,कटहल ,नारियल ,अनार ,अखरोट ,आंवला ,और कागजी,
ज्म्म्बूरी ,करौंदा , कौंथ ,आदि चीजों को नही खाना चाहिए
सारे के सारे प्रयोग लिपिबद्ध न होने के कारण परम्परागत
रूप से लोगो द्वारा सुनकर और सुनाकर याद किये जाते है |हमारे बुजुर्गो ने कहा है
की उनकी प्रमाणिकता आज भी उपलब्ध है |उस
समय भी विज्ञान मोजूद था और इसी कारण हमारे विज्ञान पर विदेशों में शोध हो रहा है
|पुरानें वैद्य के पास दूर की द्रष्टि थी सावन के माह में हमे साग नही खाना चाहिए
क्योंकि उस समय पर साग के पतों में ज्यादातर बैक्टीरिया होता है |
भादों के माह में हमे दही नही खाना चाहिए क्योंकि उस
समय बैक्टीरिया अधिक होता है |जो पहले हमारे पूर्वज वैद्यो के
रूप में रहते थे उनके ज्ञानों को नकारा नही जा सकता |आज के समय में हम बुखार पत्ता
लगाने के लिए हम थर्मामीटर का प्रयोग करते है |और उस समय के वैद्य नाभि देखकर बता
देते थे की हमारे शरीर का ताप कितना है |
हमे सुबह के समय सबसे पहले सूखे पदार्थ खाने चाहिए और साथ
ही मीठे ,भारी और चिकने पदार्थ पहले खाए फिर तरल पदार्थ लेना चाहिए |
हमे हमेशा अम्ल त्तथा लवण युक्त भोजन बीच में ही कर लेना चाहिए |
हमेशा तीखी , कड़वी और कसली चीज़े भोजन के अंत में खानी
चाहिए |
यदि भूख कम लगती है तो हमेशा पहले गर्म खाना खा
चाहिए |
हमे रात के समत फल ,दही
और सतु नही खाना चाहिए |
दालों में हरे
उड़द की दाल श्रेष्ठ माना गया है |
यदि आप को कफ ,वायु ,उदररोग ,पथरी और सांस से सम्बन्धी
बीमारी है |तो आप को कुरथी के दाल को सर्दियों में खाना चाहिए |इसे ये सभी समस्या
दूर हो जाती है |
उड़द की दाल आपके शरीर में सुगर को बढ़ती है |
यदि आप पित ,कफ ,कन्ठ के रोगी है |तो आप को जौ का सेवन
करना चाहिए इसे आप को लाभ मिलेगा |
अधिक मीठा भोजन आग को नष्ट कर देता है |तथा अधिक लवण
युक्त भोजन आखों के लिए हानिकारक होता है |तथा अति तीष्ण और अधिक अम्ल वाला भोजन
वर्द्धवस्था को बढ़ता है |
हमे भोजन करते समय कुछ भोजन छोड़ देना चाहिए जैसे दही
,घर्त ,सतु ,खीरा ,मधु और कंजी आदि चीजों को छोड़ देना चाहिए |
यदि आप के पेट में दर्द हो रहा है |तो घी में हिंग मिलाकर
खाने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है |
यदि आपको पुराना बुखार है ,तो मधु के साथ पीपर लेने से बुखार
ठीक हो जाता है |
यदि आप वातरोग के रोगी है ,तो आप को घी में भूना हुआ
लहसुन का सेवन करना चाहिए | इससे आपको लाभ मिलेगा |
यदि आप को सांस से सम्बन्धी रोग है तो शहद में सोठ ,पीपल
और मिर्ची मिलाकर खाना चाहिए |
शीत रोग से पीड़ित व्यक्ति को पान के पत्ते को पीसकर उसके
रस में थोड़ी सी मिर्च मिलाकर पीने से लाभ मिलता है |
trifla ke churn ka sevn kren |
त्रिफला के चूर्ण के साथ गुड मिलाकर खाने से प्रमेह के
रोग कम हो जाता है |
सन्नी पात के रोगियों को शहद के साथ अदरक मिलाकर खाने से
लाभ मिलता है |
बुखार में :- पित्तपापड़ा के साथ नागरमोथा को मिलाकर सेवन
करें | इस उपाय को करने से लाभ मिलता है |
गृहणी रोग के लिए उपाय :- मट्टा , स्वर्ण भस्म आदि का
सेवन करें
जब किसी को उल्टी आती हो तो उसे धान का लावा खाना चाहिए
दस्त के रोगियों के लिए कुटज का सेवन लाभकारी है |
रक्तपित्त के रोग के लिए वासा का सेवन करे | इसके आलावा
अर्श के रोग के लिए चित्रक लाभकारी होता है |
जो दही पूर्ण रूप से जमी हुई ना हो तो उसका सेवन नही करना
चाहिए | इसके आलावा ना ही प्रतिदिन दही का सेवन करें |
गुड़ के बिना दही ना खाएं | इसके आलावा दही को रात के समय
वर्षा ऋतू में और सर्दी के मौसम में नही खाना चाहिए |
मनुष्य के लिए कुछ आवश्यक जानकारी | Mnuahy
Ke Liye Kuch Avshayk Jankari | Mnushy Ko Kya Khana Chahiye Or Kin Chijon Se
Prhej Kren, Mousam Ke Anusar Bhojn Kren,Health Tips,Bhojn Kis Trah Krna
Chahiye|
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