कृत्रिम गर्भधान या टेस्ट टयूब बेबी :- 
 दुनिया में बहुत सी महिला ऐसी है जिन्हें माँ
बनने में दिक्कत होती है | इस लिए आज हम इस छोटे से लेख के माध्यम से आपको कृत्रिम
गर्भधान या टेस्ट टयूब बेबी की तकनीक के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बाते बता रहे है
| इस तकनीक को आई ,. वी . ऍफ़ के नाम से भी जाना जाता है | यह तरीका उन पति – पत्नी
के लिए किसी वरदान से कम नही है जो निसंतान होते है | इस तकनीक में महिला को
कृत्रिम रूप से गर्भ धारण करवाया जाता है | तो आइये जानते है कृत्रिम गर्भधान या
टेस्ट टयूब बेबी की कुछ बातें :-
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| टेस्ट टयूब बेबी कैसा होता है | 
यह तकनीक उन महिलाओं के लिए है जो बांझपन का शिकार है
| इस प्रयोग में निषेचित अंडे को महिला के गर्भ में रखा जाता है | इस उपाय को वो
महिला भी अपना सकती है जो मासिक धर्म नही होती | इस तकनीक में महिला के अंडाशय से
अंडे को निकालकर उसका मिलन द्रव पदार्थ के माध्यम से पुरुष के शुक्राणु से कराया
जाता है | इस तकनीक के दौरान महिला को हार्मोन्स से जुड़े हुए इंजेक्शन दिए जाते है
| जिससे उसके शरीर में अंडे बनने लगे | जब स्त्री के अंडाशय में अंडे बन जाते है
तो अंडाणु को अंडकोष से निकाला जाता है | इसके बाद महिला के पति के शुक्राणु से
निषेचित कराया जाता है | जब दोनों का निषेचन की किर्या खत्म हो जाती है तो अंडाणु
को दोबारा गर्भाशय में रख दिया जाता है |
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| Kin Mahilaon Ke Liye Hai Jruri Yah Taknik | 
यह तकनीक किस समय करवानी चाहिए :- जब गर्भ धारण करने
के सभी तरीके बेकार हो जाये तो उस समय कृत्रिम गर्भधान या टेस्ट टयूब बेबी की
तकनीक का उपयोग करना चहिये | 
यदि आप बच्चे के लिए 2 से 3 साल तक प्रयास कर रही है
और आप असफल हो तो उस अवस्था में कृत्रिम गर्भधान या टेस्ट टयूब बेबी की तकनीक
अपनाएं | इसके आलावा यदि आपकी टयूब ब्लॉक हो गई हो , या पुरुष का स्पर्म काउंट
बिल्कुल कम हो तो भी आप इस तकनीक को अपना सकते है | 
यदि आपकी टयूब ब्लॉक हो गई हो तो उस समय सर्जरी
करवाएं | इससे टयूब की ब्लोककेज साफ़ हो जाती है | 
यदि आपकी उम्र 30 साल या इससे उपर की हो गई तो कृत्रिम
गर्भधान या टेस्ट टयूब बेबी की तकनीक को जल्द से जल्द अपनाना चाहिए | 
अगर आपके पति के स्पर्म काउंट बहुत कम है तो अप केवल
इसी का टेस्ट करवाएं | इस टेस्ट में खर्चा बहुत कम होता है |  टेस्ट टयूब बेबी के बारे में ना सोचें | 
बांझपन का एक कारण यह भी है कि महिलाओं की नलिकाओं
में रुकावट आती है या हार्मोन्स का संतुलन बिगड़ जाना या शुक्राणुओं का ना होना आदि
| यह तकनीक पुरुष नपुसंकता को दूर करने में बहुत ही सहायक होती है | 
यह तकनीक बहुत ही महंगी होती है और ये जरूरी भी नही
है कि इस तकनीक को करने में एक बार में ही सफलता हासिल हो जाती है | इस उपाय को 25
से 40 वर्ष की महिला अपना सकती है |
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| Test Tyub Baby Kab Karvana Chahiye | | 
जो महिला धुम्रपान करती है या किसी प्रकार का नशा
करती है तो उस महिला पर इस उपयोग का सफल इलाज नही होगा | यदि सफल हो भी गया तो
गर्भ पात का खतरा बन रहता है | 
बांझपन से बचने के लिए और कृत्रिम गर्भधान या टेस्ट
टयूब बेबी की तकनीक को अपनाने से बचने के लिए सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप स्वस्थ
भोजन करें , नियमित रूप से व्यायाम करें और जितना हो सके उतना तनाव से दूर रहे | 
तो ये थी कुछ जानकारी जिनके बारे में हमने आपको बताया
है | इस तकनीक को केवल बांझपन की स्थिति में ही अपनाएं |
टेस्ट टयूब बेबी कैसा होता है , Test Tyub Baby Kaese Hota
Hai | Kin Mahilaon Ke Liye Hai Jruri Yah Taknik , Test
Tyub Baby Kab Karvana Chahiye | 


















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