मानसिक बीमारियाँ जिनसे
बन सकते हैं व्यक्ति राक्षस
मानसिक बीमारी क्या
होती हैं ?
जब एक व्यक्ति मानसिक
रूप से पूर्ण रूप से स्वस्थ न हो और उसमें ठीक तरीके से सोचने और समझने की क्षमता
न हो और इसके साथ ही वह अपने व्यवहार पर बिल्कुल भी काबू न कर पायें, तो ऐसे
व्यक्ति को मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति के रूप में ही जाना जाता हैं.
विभिन्न मानसिक
बीमारियाँ
1. वेडिंगो साइकोसिस – वेडिंगो साइकोसिस एक मानसिक बीमारी हैं. जिस
व्यक्ति को यह बीमारी हो जाती हैं, उसकी इच्छा हमेशा मांस का सेवन करने की होती
हैं. माना जाता हैं कि यह बीमारी एक संस्कृति विशेष के व्यक्तियों को होती हैं.
जिसका एक उदहारण उत्तरी अमेरिका में रह रहे इंडियंस हैं. क्योंकि इस स्थान में
रहने वाले इंडियंस में यह बीमारी अधिकांश पाई जाती हैं. कुछ चिकित्सकों का कहना
हैं कि यह बीमारी जिस व्यक्ति को हो जाती हैं, उसका व्यवहार अन्य सामान्य
व्यक्तियों से अलग और अजीब होता हैं.
2. एलिस इन वंडरलैंड – जब यह मानसिक बीमारी किसी व्यक्ति को होती हैं
तब उस व्यक्ति के सिर में माइग्रेन हो
जाता हैं. जिसका दर्द असहनीय होता हैं. माना जाता हैं कि इस बीमारी से ग्रस्त
व्यक्ति के मन में अपने आस – पास के वातावरण और देश को लेकर काफी भ्रांतियां हो
जाती हैं. इसके आलावा इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को अधिक तेज गति से या अधिक धीमी
आवाजें सुने देती हैं और उसे अपने आस – पास की वस्तुएं अत्यधिक छोटी या अत्यधिक
बड़ी दिखाई देती हैं. माना जाता हैं कि इस बीमारी के लक्षण काफी हद तक एलएसडी के
नशे की भांति ही दिखाई देते हैं. एलिस इन वंडरलैंड के लक्षण बहुत ही कम उम्र
के व्यक्ति में ही दिखाई देने लगते हैं. लगभग इस बीमारी की शुरुआत 20 वर्ष के
व्यक्ति में हो जाती हैं.
भयंकर मानसिक बीमारियाँ |
3. एलियन हैंड सिंड्रोम – जब कोई व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित होता हैं तो
उसे ऐसा लगता हैं जैसे वह साँस लेने में असमर्थ हैं और उससे साँस नही ली जा रही
हैं. इसके साथ ही उसे ऐसा आभास होता हैं जैसे उसके शरीर के सभी कपडे धीरे – धीरे
फटने लग रहे हैं और वह लहूलुहान हो गया हैं, उसके घुटने उसका साथ नही दे रहें हैं
और उसका उन पर कोई नियंत्रण ही नही रहा. इस बीमारी के बारे में यह भी कहा जाता हैं कि इस
बीमारी का पता बहुत ही देरी से लगता हैं और न ही इस बीमारी का कोई इलाज हैं. इसके
लिए केवल अपने आपको कार्य में व्यस्त रखना पड़ता हैं. क्योंकि अगर इस बीमारी से
ग्रस्त व्यक्ति की बॉडी फ्री रहे तो वह कुछ भी कर सकता हैं.
4. क्लुवेर बुसी सिंड्रोम – यह बीमारी बड़ी ही घातक बीमारी हैं क्यूंकि इस
बीमारी के लक्षण अन्य बीमारी से बहुत ही भयंकर दिखाई दते हैं. जैसे इस बीमारी से
ग्रस्त होने के बाद व्यक्ति अमानवीय व्यव्हार करने लगता हैं, वह धीरे – धीरे अपनी
यादाश्त खोने लगता हैं. और इसके साथ ही उसका ध्यान सेक्स जैसी चीजों की तरफ अधिक
जाता हैं और वह व्यक्ति मांस आदि भोजन का सेवन करने लगता हैं. एलियन हैंड सिंड्रोम
की ही भांति इस बीमारी का भी पता लगाना बहुत ही मुश्किल हैं. केवल इन्ही कुछ
लक्षणों से इसकी पहचान की जा सकती हैं और अगर इस बीमारी के शुरूआती लक्षणों की ठीक
पहचान कर ली जाए तो इस बिमारी पर नियंत्रण भी पाया जा सकता हैं.
5. कोटार्ड डिलूशन – इस बीमारी का अन्य नाम “वाल्किंग कोर
सिंड्रोम” भी हैं. इस बीमारी की पहचान सन 1880 में की गयी थी और मेडिकल के क्षेत्र
में इसे 2007 में प्रमाणित किया गया था. इस बीमारी का मुख्य लक्षण यह हैं कि इससे
पीड़ित व्यक्ति को यह लगता हैं कि वह मर चूका हैं लेकिन फिर भी उसकी आत्मा धरती पर
चलती फिरती रहती हैं. जिसके कारण ही इस भ्रम की दुनिया से बाहर निकलने के लिए ही
कई बार ऐसे मरीज आत्महत्या करने की कोशिश भी करते हैं.
6. फ्रेगोली डिलूशन – यह बीमारी जिस व्यक्ति को हो जाती हैं वह जब
एक साथ कई व्यक्तियों को देखता हैं तो उसे ऐसा लगता हैं जैसे एक ही व्यक्ति ने
अनेक कपडे बदल लिए हैं. क्योंकि इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति पर स्थान एवं घटनाओं
का काफी प्रभाव पड़ता हैं. जिसके कारण ही उसे अपना जीवन अन्य सामान्य व्यक्तियों के
जीवन से काफी भिन्न नजर आता हैं, और इसी वजह से वह मानसिक रूप से हमेशा तनाव में
भी रहता हैं.
7. कैपग्रास डिलूशन – इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को हमेशा अपनी
जान को लेकर भय भी रहता हैं और इसी वजह से अपने आस – पास मौजूद किसी भी व्यक्ति पर
विश्वास नही कर पाते. उसे राक्षस, रोबोट और इन्सान में कोई फर्क नजर नही आता. माना
जाता हैं कि यह बीमारी व्यक्तियों को सिजोफ्रेनिया जैसी मानसिक बीमारी की
वजह से होती हैं और इसके साथ ही अगर किसी व्यक्ति के सिर में किसी घटना की वजह से
गहरी चोट लग जाए तो भी यह बीमारी उसे हो सकती हैं.
8. स्टॉकहोम सिंड्रोम – जब किसी व्यक्ति को अचानक से किसी विपरीत
परिस्थितियों का अधिक सामना करना पड़ता हैं, तब जो व्यक्ति उसे अपने बंधन में
बांधकर रखना चाहता हैं उस व्यक्ति को उसके प्रति बहुत ही विशेष सहानुभूति होती
हैं.
Bhayankar Mansik Bimariyan |
मानसिक रोगों से दूर
करने के लिए क्या करें
१. अगर
आपको मानसिक रोगों के लक्षण महसूस होते हैं तो इसके लिए सबसे पहले किसी चिकित्सक
के पास जाएं और उनकी सलाह माने और उनके मुताबिक अपना पूर्ण इलाज करवाएं. जिससे आप जल्द
ही स्वस्थ हो जाएँ और आपको भविष्य में कभी भी फिर से ऐसी समस्या का सामना न करना
पड़ें.
२. अपने
दैनिक जीवन में कभी भी एक साथ ही न ही ज्यादा दिमाग से जुड़ा हुआ काम करें और न ही
कम. इसके स्थान पर अपनी रोजमर्रा के जीवन में काम में हमेशा संतुलन बनाएं रखें.
जिससे आपके दिमाग पर काम की वजह से कोई विशेष प्रभाव न पड़ें.
३. हमेशा
ऐसे काम करें, जिनसे आपके शरीर में अधिक फुर्ती आयें और जिससे आपका मस्तिष्क भी
ठीक रहें.
४. अगर आप
चाहते हैं की आपका दिमाग अधिक समय तक शांत रहें और आपको मानसिक रोगों से ग्रस्त न
होना पड़ें, तो इसके लिए अपनी नींद पूरी करें. अगर आप प्रतिदिन कम से कम ८ घंटे तक
सोते हैं तो आपको मानसिक रोगों के होने की सम्भावना कम रहेगी.
५. अपने
जीवन में कभी भी इतना व्यस्त न हो कि आपके मस्तिष्क को एक पल के लिए भी शांति न
मिलें. अगर आप चाहते हैं कि मानसिक रूप से कमजोर होने का आपको कभी भी एहसास ही न
हो तो इसके कुछ समय काम न करके अपने मन को
शांति प्रदान करें.
६. मस्तिष्क
को शांत रखने के लिए और मस्तिष्क अपने पूर्ण क्षमता के साथ कार्य कर सकें, इसके
लिए संतुलित और पौष्टिक भोजन का सेवन करना भी बहुत ही आवश्यक हैं. क्योंकि आहार का
भी प्रभाव हमारे मस्तिष्क पर पड़ता हैं.
७. जहाँ तक
हो सके शराब का सेवन न करें. क्योंकि शराब भी आपकी ख़राब दिमागी हालत का एक कारण
हैं.
८. अगर हो
सके तो दिन में कुछ समय परमात्मा की उपासना करने में लगायें. क्योंकि अध्यात्म में
समय व्यतीत करने से मन एकाग्र होता हैं और आपके मन को अत्यधिक शांति मिलती हैं.
९. हमेशा
एक ऐसे वातावरण में रहने की कोशिश करें, जहाँ पर आपके चारों तरफ आपकी प्रवाह करने
वाले लोग अधिक समय तक उपस्थित हो. क्योंकि अपनों का साथ भी ऐसे रोगों से आपको बाहर
निकालने में काफी सहायता करता हैं.
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