अहोई माता का व्रत | Ahoi Ashtami Vrat Vidhi Hindi

अहोई अष्टमी का व्रत
 अहोई अष्टमी का व्रत करवा चौथ के अगले दिन रखा जाता है यह व्रत बच्चो की लम्बी उम्र के लिए रखा जाता है | और शादी के बहुत साल गुजर जाने के बाद  जिन बहनों को अभी तक बच्चे नहीं हुए है उन महिलओं को भी ये व्रत जरुर करना चाहिए | क्योंकी सन्तान होने के बाद ही किसी स्त्री का सम्पूर्ण माना जाता है | अहोई माता का व्रत जो भी औरत पूरे श्रद्धा और विश्वास के साथ करती उन्हें अवश्य ही संतान सुख की प्राप्ति होती है और उनके बच्चों की लम्बी आयु होती है उनकी सभी मनोकामना जरुर पूरी होती है |

 अहोई माता का व्रत करने की विधि :

करवा चौथ के ठीक चार दिन के बाद अहोई अष्टमी आता है | उत्तर भारत में यह दिन भी महिलाओं द्वारा पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है और इस दिन सभी महिलाये अपने बच्चो की लम्बी आयु की प्रार्थना करती है | दिन में ही तैयारी और पूरे साज श्रंगार करने के बाद कमरे की दीवार पर ( जहाँ पर आपने करवा चौथ का कैलन्डर लगाया था ) उस स्थान को फर्श और दीवार को अच्छी तरह से साफ कर ले फिर बाज़ार से अहोई अष्टमी का लाया हुआ कैलन्डर चिपका दे| अगर कैलेंडर उपलब्ध नहीं है तो रोली या गेरु से भी दीवार पर अहोई माता का चित्र बना सकती है | अपनी इच्छा अनुसार दोपहर के बाद या शाम को अहोई माता की पूजा शुरू करे | फिर चौक को पूज कर एक लकड़ी की चौकी रखे  | और उसके ऊपर लाल रंग का कोरा कपड़ा बिछा ले फिर उसके ऊपरे साफ जल से भरे लोटे या मिटटी के बने कलश  को स्थापित करे  | और लौटे पर और पूजा स्थान पर रोली से स्वस्तिक बनाएं |  सबसे पहले बहने चांदी की बनी अहोई या स्याऊ और उसमे चांदी के दो मोती डाल कर माला की तरह बना ले और कलश या लोटे को पहना दे | और कुमकुम, चावल से तिलक करने के बाद, अहोई माता को हलुए का भोग लगायें | उसके बाद एक थाली में हलुआ और सात जगह 4-4 पूरी और साड़ी ब्लाउज और श्रृंगार भी रखे और श्रद्धानुसार रूपये  भी रखे |  अहोई अष्टमी की पूजा शुरू करे | अपने हाथ गेहू या बाजरे के दाने लेकर कथा सुने | कथा सुनने के बाद तारे को अर्ध्य दे उसके बाद अपने सास के पैर छू कर उन्हें ब्याना देवे |  जब भी आपको पुत्र हो या उनका विवाह हो या पोता हुआ हो तब भी चांदी की बनी अहोई या स्याऊ और उसमे चांदी के दो मोती या चार या छ: मोती डलवा ले | और अगले दिन अपने गले में पहन ले और दीवाली वाले दिन उतार दे | इससे अहोई खुश होकर आपकी सन्तान की लम्बी उम्र होने का आशीर्वाद देती है |  
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अहोई अष्टमी के व्रत कथा :  दीवाली

 बहुत पुरानी बात है | एक गाव में बूढीयां  के सात बेटे रहते थे | दीवाली से कुछ दिन पहले अपने घर को लीपने के लिए जंगल से मिटटी लेने जाती है | और  जंगल में जैसे ही मिटटी खोदने लगती है और जिस स्थान से वह मिटटी खोदना शुरू करती है वहां पर सेई की मांद थी | गलती से उस औरत की कुदाल सेई के बच्चे को लग गई |  जिससे उस बच्चे की मृत्यु हो गई | जब उस औरत ने कुदाली को खून से सना देखा तो उससे बहुत दुःख हुआ पर जो हुआ वह गलती से हुआ, उसने जान बूझकर कुछ नही किया था | और अपने द्वारा की हुई गलती पर रोती हुई वह अपने घर मिटटी लेकर वापस आ गई | इस घटना के कुछ दिनो बाद उसका बडा लड़का मर गया | और थोड़े दिनों बाद दूसरा | इसी तरह से एक साल के अंदर बुढियां के सारे लडके मर गए जिसके करण वह दिन रात रोती रहती थी और दुखी रहती थी | एक हर रोज की तरह वह बुढियां अपने घर बाहर बैठ कर रो रही थी | और दूसरी औरतों के पूछने पर उसने सारी कथा सुना दी और कहा कि जो कुछ भी मुझसे हुआ वह गलती से हुआ मैंने जानबुझ कर कुछ नही किया और उसी गलती की सजा भुगत रही हु मैं | “मेरे सारे बेटे मर गये”   पूरी कहानी के बाद उन स्त्रियों को बड़ी दया आयी  | और उस बुढियां को धैर्य बंधाते हुए कहा की बहन जो तुम्हारे साथ जो हुआ वह अच्छा नही हुआ तुमने अपने द्वारा की हुई गलती का पश्चाताप है इससे तुम्हारे आधे पाप तो धुल गये है |  अब तुम अष्टमी भगवती के साथ सेई और उसके बच्चो का चित्र बना कर पूजा करोगी तो तुम्हारे सारे पाप धुल जायेगे और माता के आशीर्वाद से तुम फिर से सात पुत्रों की माता बनोगी. उसके बाद उस बुढियां ने प्रेम, पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ अश्विन के महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी का व्रत और पूजा की पूरे विधि विधान से की जिससे माँ भगवती की कृपा से वो फिर से सात पुत्रो की माता बनी | तभी से अहोई अष्टमी का व्रत रखने की परम्परा चली आ रही है |   

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2 comments:

  1. अच्छा है आर्टिकल काफी.ahoi ashtami vrat 2017

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  2. Celebrate Ahoi Ashtami 2025 with devotion & positivity by bringing home divine blessings. This sacred occasion is a time to honor traditions and seek prosperity for the family. Enhance your celebrations with beautifully crafted idols and spiritual paintings from Cottage9, designed to fill your home with peace and grace. Each piece reflects artistry and devotion, making it a perfect addition to your festive rituals. Make this Ahoi Ashtami truly memorable with Cottage9’s divine collection. Visit at: https://www.cottage9.com/blog/celebrate-ahoi-ashtami-2025/

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