मंदबुद्धि ,
cp , मन्गोलिज्म की बीमारी का ईलाज
मंदबुद्धि से हमारा अभिप्राय ऐसे
व्यक्ति से जो साधारण की अपेक्षा थोड़ी कम समझ रखता है, इसका शिकार कोई भी हो सकता
है यह बीमारी जन्मजात भी हो सकती है और बाद में भी किसी चोट के कारण हो सकती है,
इसको
सामान्यतया अल्प बुद्धिमता भी कहते है . ऐसे रोगी को कोई भी बात समझने में टाइम या
समय लगता है तुरंत नहीं समझ पाते. या फिर ये रोगी किसी चीज पर अधिक ध्यान नहीं दे
पाते. इसके उपचार के लिए निम्न लिखित जड़ी बूटी का सेवन बताया गया है.
सामग्री : -
१. मोती पिष्टी(moti pisti) :- ४ ग्राम
२. प्रवाल पिष्टी (praval pisti ) :- १० ग्राम
३. मेधा वटी (megha wati) :- २० ग्राम
४. अमृता सत (amrita sata) :- १० ग्राम
५. गोदंती भस्म (godanti bhasma ) :- १० ग्राम
६. रजत भस्म (rajat bhasma) :- २ ग्राम
७. एकांगवीर रस (ekangveer rasa) :- ५ ग्राम
८. कुमारकल्याण रस (kumar kalyan rasa) :- १ ग्राम
९. रसराज रस (rasraaj rasa) :- १ ग्राम
औषधि के
प्रयोग की विधि :-
यदि बच्चा एक से पांच साल के बीच का है तो
ऊपर लिखी हुई औषधियों को आपस में मिलाकर इसकी १६० पुड़ियाँ बना ले और किसी डिब्बे
में बंदकर के सुरक्षित स्थान पर रख दें | रोजाना एक – एक पुड़ियाँ को एक दिन में कम
से कम तीन बार खाएं | इन औषधियों का प्रयोग शहद के साथ या मलाई के साथ करे.
यदि बालक पांच साल से बड़ा है तो तो
इन औषधियों की ९० पुडिया यानि तीन महीने की खुराक तैयार करे | और रोजाना एक – एक
पुड़ियाँ दिन में तीन बार शहद के साथ या मलाई के साथ खाएं |
सामग्री :-
१. अरविन्दासव (arvindasav) :- ४५० मिलीलीटर
२. सारस्वतारिष्ट (saarsvtarista) :- ४५० मिलीलीटर
Note / विशेष -
यदि बच्चा ५ साल से कम का है तो
इन दोनों औषधियों की आधा – आधा चम्मच दें और बच्चा ५ साल से बड़ा है तो एक – एक
चम्मच पानी के साथ मिलाकर दें |
बतलाई गई हर प्रकार की औषधि बीमारी कितनी पुराणी और सरीर की क्षमता के आधार पर लेनी है इसलिए कोई भी दवा लेने से पहले चिकित्सक से जरूर संपर्क करे और बीमारी और औषधि का आंकलन करने के बाद ही उपचार करवाए ,
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