नस्य कर्म
जो चिकित्सा नाक के द्वारा दी जाती है उसे नस्य कर्म थेरेपी
कहेते है | इस चिकित्सा में सिर नाक , आंख , कान , और गले के रोग ठीक किये जाते है
| इस थेरेपी के प्रयोग से शरीर में जमा हुआ कफ या बलगम बाहर निकल जाता है | इस विधि में कडवे और तीखे प्रभाव वाले तेल या
तरल पदार्थ और तीखे आयुर्वेदिक औषधियों को
पीसकर उनके रस को धीमी – धीमी आंच पर पकाने के बाद जो तेल हमें प्राप्त होता है इस प्राप्त तेल को बूँद बूँद करके नाक में टपकाना होता है जिससे विभिन्न प्रकार के गले , नाक , कान , छाती व आँखों के रोग ठीक हो जाते है ,
Nasya Panchkarma Karma नस्य कर्मा |
उस
तेल के प्रयोग से कफज जैसे नाक व छाती में जमा कफ बाहर निकल जाता है , कान साफ होते है , गला भी साफ होकर उसकी खरास ठीक हो जाती है और सिर का भारीपन और दर्द जैसे आम बीमारियों से छुटकारा मिल
जाता है इसके आलावा आयुर्वेदिक औषधियों को
पीसकर उनके रस या उनके चूर्ण के प्रयोग से भी इन बीमारियों को ठीक किया जाता है |
इसके आलावा कुष्ठ जैसे रोग और चर्मरोगों से भी छुटकारा मिल जाता है |
nasya karma panchkarma ka hi ik bhaag hai , is chikitsa pranli mein prakartik vanaspati or jadi buti or phoolo ka ras garm karke thanda kiya jaata hai or sadharan taapmaan par naak dwara shareer ke ander pravesh karwaya jaata hai , aisa karne par shareer mein jama cough , balgam, kuf, bahar aata hai , nashya chikitsa se gale throat, chest chaati , ear kaan, or aankhon eyes ke roog theek ho jaate hai, ye ayurved mein pramanik hai.
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDelete