अनुवासन बस्ति
जिस प्रकार की चिकित्सा में मनुष्य के शरीर की गुदा के रास्ते
से औषधियों को अंदर प्रवेश कराया जाता है | उस चिकित्सा पद्धति को बस्ति कर्मा कहते
है | इस विधि में मनुष्य को केवल घी और तेल आदि पदार्थो का प्रयोग करना चाहिए |
इसके आलावा स्नेह पदार्थो की मात्रा को बढ़ा कर प्रयोग करना चाहिए | इस क्रिया को
स्नेह य अनुवासन बस्ति कहा जाता है | इस प्रकार की विधि का इस्तेमाल करने से शरीर
के रक्त और मल कोष्ठ की शुद्धी होती है | जिन व्यक्तियों के शरीर में भारीपन रहता
हो, पेट में अफरा और आलस्य रहता हो उनको इस चिकित्सा से जरूर लाभ मिलता है , और
साथ ही साथ मनुष्य के शरीर में कोमलता आती है , शरीर तंदुरस्त और पुष्ट बनता है |
अनुवासन बस्ति के प्रयोग से मानव के शरीर में शक्ति की वृद्धि और energy का संचार
होता है |
आयुर्वेदिक बस्ती कर्मा , Basti Karma in Ayurveda |
अनुवासन पद्धति एक प्रकार से पूरे
शरीर को फायदा देता है इसके और भी कई गुण है | इसके प्रयोग से आयु बढती है, मानसिक
तनाव कम होता है और मानव शरीर स्वस्थ रहता
है | मानव के रंग में भी निखर जाता है मुरझाया हुआ चेहरा खिल उठता है ,| इसी
प्रकार इस विधि के कई गुण है | परन्तु इसका प्रयोग चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही
करना चाहिए , किसी अप्रशिक्षित व्यक्ति से कोई भी आयुर्वेदिक चिकित्सा न करवाए ,
क्योकि हर चिकित्सा जरूरत और शरीर की क्षमता के अनुसार ही दी जाती है , जो एक
अनुभावी और प्रशिक्षित व्यक्ति ही दे सकता है .
ayurvedic chikitsa pranali, anuvasan basti karma chikitsa pet ko saaf karta hai or aanton ki saaf safai karti hai , yeh pure shareer ko laabh paucha deta hai , mansik tanaav ko kam karke chehre ko ronak or face pe glow deta hai , pet sambandhi sabhi rogo ke liye anuvasan basti karma ek raam baan hai ,
Bahut achhi post hai.iski madad se bade hi aasani se kai rog se chutkara pa sakte hain
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