शलभासन
हमने आपको शवासन के बारे में बताया साथ ही उसके अनेक लाभ के बारे में भी जिक्र
किया है अब हम आपको एक दूसरे आसन के बारे में बताने जा रहें है जिसका नाम है
शलभासन संस्कृत में शलभ का अर्थ होता है ‘टिड्डी’ जैसा कि आप सभी को पता है कि जिस
तरह से एक टिड्डा अपनी पूछ वाले भाग को शरीर के ऊपर उठा लेता है उसी तरह से इस आसन
में भी मनुष्य को अपने शरीर के पीछे वाले भाग को शरीर के शेष भाग पर उठाकर इस आसन
को किया जाता है इसलिए इसे शलभासन कहा जाता हैं .
शलभासन की विधि - शलभासन को करने के लिए सबसे पहले आप किसी भी समान तल अर्थात् समान जमीन घास पर चटाई या कालीन
बिछाकर अपने घुटनों के बल छाती को जमीन पर रखकर सीधे लेट जाए, अपने सिर से पैर तक
के सभी अंगों को बिल्कुल सीधा रखें अब आप अपने पैर के तलवो और हाथ की हथेलियों को ऊपर
की तरफ रखें व आपके हाथ का पष्ठ भाग जमीन पर होना चाहिये तथा लम्बी व गहरी सांस
लेते हुए अपने साइन और हाथों पर पूरा बल डालते हुए अपने पैरों को ऊपर की ओर
उठायें, ऊपर उठाते समय ये ध्यान रखे की आपकी जांघें, घुटने, पिण्डलियाँ, एडियां
तथा अंगूठे आपस में मिली हुई होनी चाहिए, ऐसी स्थिति में शरीर का कुछ भाग ऊपर की
ओर उठ जाना चाहिये, तथा जब तक आप अपनी सांस को अपनी सुविधा के अनुसार रोक सकते है
तब तक रोक कर रखे, तथा अपने पैरों को धीरे-धीरे नीचे लेते हुए अपनी सांस को बाहर
निकालें. इस सम्पूर्ण क्रिया में किसी प्रकार की जल्दबाजी न करे , ये व्यायाम बहुत
धीरे धीरे करना है.
शलभासन के लाभ |
इस आसन को करने से आपको अपने शरीर में अनेक लाभ
प्राप्त हो सकते है जैसे:-
अर्ध शलभासन |
लाभ –(१.) शलभासन को करने से
पेट से जुड़ी सभी बीमारियाँ दूर हो जाती है तथा इससे मोटापा भी कम हो जाता हो जाता
है.
(२.) इस आसन को करने से शरीर में अनेक दर्द दूर
हो जाते है जैसे घुटनों के दर्द, कमर के दर्द तथा पीठ दर्द इत्यादि इन सभी दर्द
में काफी लाभ मिलता है.
(३.) इस आसन को रोजाना करने से हमारी रीढ़ की
हड्डी मजबूत हो जाती है. कमर व जांघों में जमा अतिरिक्त चर्बी हटने लगती है और
आपका सरीर लचीला बनता है .
(४.) इस आसन से आपकी कमर तथा पैर मजबूत और
सुन्दर हो जाते है तथा इससे आपका मन भी शांतिपूर्वक रहेगा, और इस आसन से मधुमेह व
हर्निया जैसी बीमारी भी ठीक हो जाती है.
(५.) इससे हमारी मांसपेशियां व हमारी हरेक नस
पुष्ट हो जाती है साथ ही हमारे शरीर का खून भी साफ होने लगता है. सम्पूर्ण शरीर
में रक्तसंचार भली प्रकार होने लगता है.
salabhasana yoga postures |
(६.) शलभासन का प्रयोग करने से शरीर के अन्दर के
सभी अंग जैसे आंतें, कमर एवं जांघें मजबूत हो जाती है तथा हमारा शरीर भी फुर्ति से
कार्य करने लगता है इसलिए इस आसन का प्रयोग कर अनेक लाभ उठायें और बिमारियों से
छुटकारा पाएं.
नोट- शलभासन का प्रयोग हमारी बताई गई विधि के
अनुसार ही करें.
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