नेत्र
के रोग
आँखों के रोगों के बारे में हम बात करते है आँखों में
बहुत से रोग लग जाते है आँखे हमारे शरीर की सबसे कोमल अंग होती है अतः इतनी ही संवेदनशीलता से इनका रखरखाव भी करना चाहिए। यहाँ
पर कुछ जड़ी बूटियों की चर्चा कर रहे है जो हमारे नेत्र के रोगों का निवारण बड़ी ही सरलता से करता है जिससे हम नेत्र के रोगों से बच पाएंगे और सबसे अच्छी बात है की ये जड़ी बूटियां हर जगह पर उपलब्ध है ।
नेत्र, नयन, लोचन, चक्षु, ये
सभी आँख के पर्यायवाची शब्द है एक बात जो सबसे जरूरी है वो मैं आपको बता देता हूँ कि जिस भी इंसान को नेत्र रोग हो उस इंसान को कभी भी कब्जः न होने
दे
आँख दुखने पर बुटी के फूल द्वारा उपचार
आयुर्वेद
में अनेक बूटियाँ है जिसके जरिये हम अनेक रोगों का उपचार कर सकते है ज्यादातर हम देखते है कि गर्मियों के मौसम में ही हमारी आँखे दुखने लगती है या कहा जाए के जैसे आँखो में एक लाली सी आ जाती
है तो ये बड़ा ही दुःख से भरा रोग है ये पर्चलन चलता ही रहता है ये रोग इतना गंभीर होता है कि देखने मात्र से ही दूसरो को लग जाता है अब हम आपको एक ऐसी बूटी के बारे में बताने जा रहे है जिसके ग्रहण करने से हम आँखो के रोगः से मुक्त हो सकते है इसके अंदर ऐसे कुछ खाश गुण होते है जो भी इंसान उस बूटी के जितने भी फूल खाएगा वो उतने ही वर्षो तक आँखो के रोगों से बचा रहेगा | जी हां ये सच में ही संभव है इस जडी बुटी का नाम मुण्डी वटी है जो आपको बताना बहुत ही जरूरी था जिससे आप इसका उपयोग कर अपना उपचार खुद कर सकते हो आप अब इस मुंडी वटी के जितने भी फूल खाओगे उतने ही सालों साल तक अपनी आँखो को दुखने से बचा सकते है जो भी इंसान इस वटी का इस्तेमाल करेगा वो वास्तव में प्रसन्न हो जाएगा |
About Eye Diseases in Hindi, आँखे आने का उपचार , Aankhen lal Hona |
कुछ इंसान होते है की उनकी आँखे हर छ महीने
में दुखनी आ जाती
है और अपने आपको असुरक्षित मह्सुश करते है ये उन इंसानो के लिए प्रकृति का अनमोल खजाना है
तथा ध्यान में रखने वाली बात है की इसे केवल अपनी इच्छा से ग्रहण करना चाहिए और इसे लेने का तरीका बगैर पानी के ही निंगलना है
इन फूलों को आपको न तो
चबाने की जरुरत है और न ही
खाने की सिर्फ नींगलने ही है और आप जितने भी फूल नींगलेंगे उतने ही सालो तक अपनी आँखो को सभी रोगों से बचा सकते है
No comments:
Post a Comment