आक का पौधा
Introduction to Madar or Aak Plant
आक का पौधा सभी स्थानो
पर पाया जाता है । ये पोधे शुष्क और ऊँची भूमि में उगे हुए होते है इस पड़े को अलग
- अलग जगह पर अलग - अलग नाम से जानते है जैसे =
अंग्रेजी में- इसे Madar,
संस्कृत में- अर्क, तूलफल
क्षीरपूर्ण, आस्फोट
हिंदी
में - अकवन , आक मदार
गुजरती - आंकड़ों
मराठी - एक्के , एक्के गिडा
बंगाली - अकंद
पंजाबी - अक
तमिल -पल्लेरुक्कु
तेलगु - मन्दाराम
अरबी - उषर
फ़ारसी - खरक
समाज में इस पौधे
की बारे में एक गलत अफ़वा फैली है की ये पौधा जहरीला (विषैला) होता है और मानव के लिए
हानिकारक होता है । इसकी कही हुई कुछ बातें सच है । लेकिन आयुर्वेद संस्थान में जब
इस पौधे की बारे में जानकारी प्राप्त की तो अनेक फायदे सामने आये| आक का सेवन यदि सही
ढंग से ,उचित मात्रा में और किसी समझदार वैद्य की देखरेख में किया जाये तो अनेक बीमारियो
से छुटकारा मिल जाता है । और यदि इसका सेवन अधिक मात्रा में किया जाये तो उल्टी - दस्त
जैसी बीमारी होकर मानव की मृत्यु भी हो सकती है । इस पौधे का हर हिस्सा दवाई के रूप
में प्रयोग किया जाता है । ये वनस्पति बहुत तेजस्वी, उत्तम और अनोखा रसायन है। इस पौधे
को अनुपम वानस्पतिक भी कहा जाता है |
Introduction to Madar or Aak Medicinal Plant, आक का एक औषधीय पौधा , |
पौधे की बनावट :- Structure and Identification of Madar Plant
आक की पौधे की बहुत सारी शाखाये
होती है जो ४-१२ फुट ऊँची और कोमल होती है|
इस पौधे के सभी हिस्से रुई की समान साफ, सफेद और रोमो से भरे हुए होते है इसके
पत्ते बहुत ही छोटे है इन पत्तो की लम्बाई ४-६ इंच और चौड़ाई १-३ इंच और इनका आकार ह्रदय
की तरह होता है । इसका फल २-३ इंच लम्बा और १-२ इंच चौडा होने की साथ- साथ बीजो से
भरा हुआ होता है इन बीजो में मुलायम रेशे होते है जो एक - दूसरे से चिपके हुए होते
है । जब इसका फल पक कर फट जाता है तो इसके रेशे हवा में उड़ने लगते है और चारों ओर फ़ैल
जाते है । इस पौधे के फूल बैंगनी , सफेद और लाल रंगो के होते है और इनके बीच में दांत
होते है । आक का पौधा दूध से भरा हुआ होता है यदि हम इस पौधे के किसी भी हिस्से को
तोड़े तो इसमें से दूध जैसा सफेद तरल पदार्थ निकलने लगता है ।
आक के पौधे की तीन प्रजातिया
पाई जाती है जैसे :- Categories of Madar Plant
१= रक्तार्क २ श्वेतार्क
३- राजार्क
रक्तार्क के फूल बहुत ही छोटे और कटोरी के आकार के होते है|
यह बहार से सफेद और अंदर से बैंगनी ,लाल रंग का होता है । इसमें दूध जैसे तरल पदार्थ
की मात्रा कम होती है । इसी तरह श्वेतार्क में दूध की मात्रा ज्यादा होती है ये रक्तार्क
के फूल से बड़ा होता है । इसका उपयोग पूजा - पाठ में किया जाता है इसलिए यह मंदिरो के
पास अधिक संख्या में पाये जाते है । ये फूल कुछ - कुछ कनेर के फूल की तरह लगता है इसे
मदर के नाम से भी जाना जाता है । राजार्क का पौधा बड़ी ही मुश्किल से पाया जाता है इस
पौधे की एक टहनी और चार ही पत्ते होते है । और इसका फूल चाँदी के समान सफेद रंग का
होता है । आक के पौधे में पीले रंग का पदार्थ पाया जाता है । इस पौधे का उपयोग अनेक बीमारियों को ठीक करने के लिए
किया जाता है| जैसे :- कफ, मुँह में पानी आना , पेट के रोग , सिर में खुजली ।
इसके आलावा बवासीर, कर्णरोग ,मिर्गी जैसी बीमारिया भी ठीक
हो जाती है । आक का दूध गाढा और कड़वा होता है । इसका उपयोग पेट के सभी रोगो को ठीक
करने के लिए किया जाता है
अनचाहे बालों का समाधान
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