साँस से सम्बंधित बीमारियो का इलाज़ Asthma cure with Madar plant
1. आक के
पौधे की पत्तियों पर जो सफेद रंग का आवरण होता है । उसे इक्क्ठा कर ले और इसमें ५-१०
ग्राम गुड़ की मात्रा मिलाकर इनकी गोलिया बनाकर
खाए इस प्रयोग को करने से खांसी ठीक हो जाती है इसके आलावा पत्तो के सफेद आवरण को इकठा
करके इसकी गोलिया बनाये और पान के साथ खाए । इस उपयोग को लगातार २-३ दिन करे इससे पुरानी
खांसी में आराम मिलता ही है साथ ही साथ साँस से जुडी समस्या भी ठीक हो जाती है |जिन
मनुष्य को खांसी करते समय कष्ट होता है और बलगम पीला और बदबूदार निकलता हो उसे इस बीमारी
के इलाज के लिए आक के पौधे की टहनी और फूलो को पीसकर बारीक़ कर ले । फिर इसे घी में
सेक ले और गुड के साथ सुबह - शाम खाए इस विधि को करने से साँस की बीमारी और कष्ट देने
वाली खांसी में आराम मिल जाता है
2. आक के पौधे के ५ ग्राम फूल और काली मिर्च को लेकर
इन दोनों को पीसकर बारीक़ कर लें| फिर इनकी छोटी - छोटी गोलियाँ बनाकर रोज सुबह १, २
गोली गर्म पानी के साथ खाएं । इनका सेवन लगातार १ महीने तक करने से साँस से जुडी हुई
बीमारी ठीक हो जाती है । पुरानी से पुरानी खॉंसी और साँस संबंधी रोगों का इलाज निंम्मलिखित
तरीके से कर सकते है ।
सामग्री :- त्रिकटु चूर्ण = २५ ग्राम
श्रृंगभस्म = ५ ग्राम
गोदन्ती = १० ग्राम
आक के पौधे
की जड़ की छाल को इसी के दूध में भीगकर बारीक़ चूर्ण बना ले । फिर १० ग्राम चूर्ण में
ऊपर लिखी सामग्री को उतनी ही मात्रा में डालें जितनी की लिखी हुई है । इस प्रकार एक
औषधि तैयार कर लें । इस दवाई को प्रतिदिन सुबह -शाम शहद के साथ लगभग एक ग्राम खाएं
। इस उपयोग से पुरानी से पुरानी साँस के रोग और खॉंसी ठीक हो जाती है ।
Asthma Cough and Digestion Problems cure with madar plant , अस्थमा , खांसी और पेट की बीमारी में आक के पौधा से दवाई |
कफ वाली खॉंसी के लिए :- Cough problem treatment with Aak or Madar Plant
1. आक के
पौधे की जड़ की छाल ५०० मिलीग्राम
2. शुंठी का चूर्ण ५०० मिलीग्राम
सबसे पहले
जड़ की छाल और शुंठी को अच्छे से सुखाकर इसे कूटकर बारीक़ चूर्ण बना लें । फिर इस चूर्ण
की ५०० ग्राम की मात्रा को ६ ग्राम शहद के साथ खाने से कफ वाली खॉंसी में आराम मिलता
है । यह दवाई कफ वाली खॉंसी और साँस संबंधी बीमारी के लिए उपयोगी है |
3. मिट्टी
से बने हुए एक बर्तन में एक के दूध में थोड़े चने भीगा कर रख दें । फिर इसे आग में भुने
। भूनते - भूनते जला दें और इसे पीसकर बारीक़ चूर्ण बना लें । लगभग १२५ ग्राम चूर्ण
को शहद के साथ दिन में तीन बार खाने से खाँसी में तुरंत आराम मिल जाता है ।
4. आक के
पौधे की दो पत्तियाँ लें । एक पत्ती पर कत्था और चुने का घोल लगायें और एक पत्ते पर
गाय का घी लगाकर दोनों को जोड़कर मिट्टी के बने बर्तन में रखकर इसे आग पर पकाकर जला
लें । और इसे छानकर किसी बोतल में रख दें लगभग १० से ३० ग्राम की मात्रा घी , रोटी
या चावल में डालकर खाएं । इससे पुरुषों में मैथुन शक्ति बढ़ती है और कफ की बीमारी में
आराम मिलता है ।
5. पाचन शक्ति
को बढ़ाने के लिए :- 1. आक के पौधे का दूध = २५० ग्राम
2. आक के ताज़े - ताज़े
फूल = २ किलो
3. गाय का घी = 1.500 किलो
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