चाय के फायदे
क्या आप जानते है की
चाय सबसे पहले एक दवा के रूप में उपयोग की गयी जो अब हमरे जीवन का हिस्सा
बन चुकी है उसे बनाने के कुछ तरीके हम आपको बता रहे है जिन्हे कम मात्रा में
लेने से फायदे होते है ।
गौती चाय
यह चाय मध्य प्रदेश
के गावों में बनायीं जाती है लेमन ग्रास की तीन चार पत्तिया हथेली से कुचल कर दो कप
पानी में गैस पर रख दे इसमें थोड़ी शक्कर ,अदरक और निम्बू डालकर तब तक उबले जब तक पानी
एक कप न रह जाये | यह बिना दूध के बनने वाली चाय सेहत के लिए बहुत अच्छी है ।
काली चाय
बिना दूध के बनने वाली
यह चाय मन और तन को शांत रखने में सहायक होती है इसे बनाने के लिए दो कप पानी में एक
चम्मच चाय की पत्ती, तीन चम्मच शक्कर डालकर उबाले जब तक के पानी आधा न रह जाये और स्वादिष्ट
मीठी चाय तैयार है ।
धनिया चाय
यह चाय राजस्थान के
इलाको में बनायीं जाती है । दो कप पानी में थोड़ा धनिया , जीरा, चाय की पत्ती , थोड़ी
सोंफ जरूरत के मुताबिक अदरक व चीनी या शहद मिला कर इसे उबाले और छानकर पी ले यह पाचन
रोगो और गैस आदि से छुटकारा दिलाती है ।
अनन्तमूली की चाय
अनन्तमूली एक तरह का
पौधा होता है जो पहाड़ी इलाको में पाया जाता है ठण्ड के समय अनन्तमूली के पोधे की जड़ को साफ करके एक ग्राम के करीब जड़ पानी में
उबलने दे और थोड़ी चाय की पत्ती भी डाल दे और फिर छन कर परोसे यह दमा वालो के लिए उत्तम
चाय है ।
मुलेठी चाय
गुजरात में मुलेठी
चाय का पान किया जाता है । जब आप चाय बनाये तब चीनी , चाय की पत्ती और दूध के साथ चुटकी
भर मुलेठी भी डाल दे तो चाय खुशबूदार और स्वादिष्ट बनती है तथा सर्दी खांसी में भी
आराम देती है ।
सैदी या मीठी चाय
एक बर्तन में एक चम्मच
चाय की पत्ति , दो बड़े चम्मच शहद , दूध दो चम्मच मिलकर फेंटे व दूसरे बर्तन में दो
कप पानी उबलने के लिए रखे व उबलने पर उसमे ये फेंटा हुआ सामान दाल दे और ऊपर से थोड़ी
अदरक भी दाल दे और अच्छी तरह से उबाले फिर गरमा गर्म परोसे । ये मीठी चाय शरीर में
ताज़गी लाती है |
मसाला चाय
ये गुजारत में एक प्रकार
का मसाला बनाया जाता है जिसमे लौंग, जायफल , दालचीनी ,दोनों तरह की इलायची, जयपात्री
, तुलसी और सोंठ मिलकर पीसा जाता है और चाय बनातेsamay इसकी एक चुटकी चाय में डाल देने
से स्वाद व खुशबू दोनों आ जाते है और शरीर में स्फूर्ति भर देते है ।
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