गर्भावस्था में पेट दर्द कारण और उपाय

गर्भावस्था में हर एक स्त्री की हालत समय – 

समय पर बदलती है | ऐसे में पेट में दर्द होना या मरोड़ का होना एक आम समस्या होती है | यदि गर्भवती स्त्री की अवस्था सही रूप से चल रही है | तो पेट में दर्द होना कोई परेशानी का विषय नही है | एक गर्भवती को पेट में दर्द इसलिए होता है | क्योंकि गर्भ के पल रहे रहे बच्चे से महिला की नसों पर दबाव पड़ता है |इसके आलावा जैसे –जैसे आपका बच्चा बढ़ता जाता है , आपके गर्भाशय का झुकाव एक ओर हो जाता है | ऐसे में आपकी अस्थियों में सिकुड़न हो जाती है | जिससे दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है | गर्भावस्था के दौरान बढ़ते गर्भ को सहारा देने के लिए खिचाव होता है | इसलिए जब आप कोई काम करती है ,या फिर हिलती डुलती है | तो आपको पेट के एक और या दोनों ओर दर्द होने लगता है | इस तरह के पेट दर्द कोई चिंता का कारण नही होते |
गर्भावस्था में पेट दर्द कारण और उपाय


गर्भावस्था में हो रहे दर्द से राहत पाने के लिए आप निम्नलिखित उपाय अपना सकते है |

जब भी आपको इस तरह के दर्द का सामना करना पड़े तो आप कुछ देर के लिए बैठ जाए |

गुनगुने पानी से स्नान करना चाहिए |

पेट के जिस ओर दर्द हो रहा हो ,उसके दूसरी ओर लेटकर कुछ देर तक आराम करना चाहिए | इसके आलावा जिस हिस्से में दर्द हो रहा हो उस हिस्से को गर्म पानी की बोतल या गर्म आटे की पोटली बनाकर सिकाई करें | ध्यान रहे पोटली अधिक गर्म न हो |
गर्भावस्था में पेट की सिकाई में रखे विशेष ध्यान

गर्म पानी से सेकते समय एक बात का अवश्य ध्यान दे कि पानी ज्यादा उबला हुआ नही होना चाहिए | पानी ऐसा हो जिसे आपका शरीर सहन कर सके | पानी से भरे हुए बोतल को किसी कपड़े से अच्छी तरह से लपेट दे | गर्भावस्था में प्रत्येक स्त्री को आराम करने की जरूरत होती है |

गर्भावस्था में सेक्स करते समय जब वह अपनी चरम सीमा पर पंहुच जाती है | तो ऐसी परिस्थिति में उसे हल्का कमर दर्द या मरोड़ हो सकती है | ऐसा इसलिए होता है कि जब आप खुद पर अपना काबू खो देते है , तो आपकी योनी और गर्भाशय से स्पन्दन से उपर की ओर हो जाती है | जिससे आपको कुछ समय तक पेट दर्द जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है |
गर्भावस्था में सेक्स करते समय जब वह अपनी चरम सीमा पर पंहुच जाती है

इस परेशानी से मुक्ति पाने के लिए जरूरी है कि जब भी आप शारीरक संबध बनाएं | तो आराम से बनाएं | इसके आलावा आप कमर या पेट की हल्की मालिश करके भी इस परेशानी को दूर कर सकते है |

यदि आपको गर्भावस्था के दौरान जरूरत से अधिक दर्द महसूस हो और आराम नही मिलता हो तो ऐसी अवस्था में किसी अच्छे चिकत्सक से सम्पर्क करना चाहिए |
गर्भवती महिला को पेट दर्द के आलावा और भी कई तिक्कते होती है

गर्भवती महिला को पेट दर्द के आलावा और भी कई तिक्कते होती है | जैसे :-

बुखार लगना

खून के धब्बे या रक्त स्त्राव होना |

योनी से असमान्य रूप से स्त्राव होना |

मूत्र करते समय जलन या दर्द का महसूस करना |

उल्टी और असहन करने वाला दर्द |

कभी – कभी ठण्ड का अधिक महसूस करना |

शुरुआत के तीन महीनों में होने वाला पेट दर्द चिंता का कारण होता है |

 क्या तीन महीने की गर्भवती महिला के लिए पेट में दर्द होना चिंता का कारण होता है ?
जब महिला तीन महीने से गर्भवती होती है

जब महिला तीन महीने से गर्भवती होती है , तो उसे आमतौर पर पेट में दर्द हो सकता है | इस दर्द से घबराने की आवश्यकता नही है | लेकिन यदि दर्द के साथ कुछ और लक्षण भी दिखाई देने लगे तो आपको किसी अच्छे डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए | अन्यथा आपको किसी बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है |

शुरूआती कुछ महीनों में गर्भवती महिला का गर्भपात हो सकता है ?

बहुत से मामले ऐसे आये है कि जिसमें गर्भावस्था के शुरू के दिनों में ही महिला को गर्भपात हो जाता है | यह इसलिए होता है ,क्योंकि गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास उचित प्रकार से नही हो पाता | यदि आप गर्भपात जैसी स्थिति से परेशान है तो आपको गर्भावस्था के पहले लगभग १२ हफ्तों में यदि किसी समय पेट दर्द हो या मरोड़ हो या रक्त स्त्राव हो तो तुरंत अच्छे चिकत्सक से मदद लें | और आराम करें | इसके आलावा अगर आपको अधिक रक्त स्त्राव हो रहा है , तो सीधा होस्पिटल जाएँ |
अस्थानिक गर्भावस्था क्या होती है

अस्थानिक गर्भावस्था :- 

यह गर्भाशय से बाहर विकसित होती है | यह एक चिंता का कारण है | क्योकि ऐसे गर्भ को बचाना बहुत ही मुश्किल होता है | यह एक गंभीर स्थिति है | ऐसे में आपको अच्छी तरह से इलाज करवाना चाहिए | एक छोटे से अध्यन से यह मालूम हुआ है की भारत में 0 . 56 %महिलाओं की गर्भावस्था अस्थानिक होती है |

जब किसी की गर्भ अवस्था अस्थानिक होती है तो उसे दर्द वाले मरोड़ होते है | जो मुख्य रूप से पेट के एक और से शुरू होते होते हुए पुरे पेट में फैल जाती है | इस दर्द के आलावा आपको पानी के गहरे रंग जैसा कोई पदार्थ योनी से बहना शुरू हो जाता है | यह सामान्यत : शुरू के 10 महीनों के बीच में होता है | ऐसी परिस्थिति को देखते हुए तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर की सलाह लेकर अपना इलाज शुरू करवाएं |

किसी भी गर्भवती महिला का गर्भपात शुरू के महीनों में ही हो सकता है | देर से गर्भपात होने की सम्भावना बहुत ही कम होती है |
किसी भी गर्भवती महिला का गर्भपात शुरू के महीनों में ही हो सकता है

अगर आपका देर से गर्भपात हुआ है , तो आपको गर्भवस्था के १२ हफ्तों के बाद और २४ हफ्तों से पहले मरोड़ के साथ रक्त स्त्राव होने लगता है | जब गर्भ अवस्था को नो महीने हो जाए तो पेट में दर्द होने का अर्थ है | कि आपका शरीर अब डिलीवरी के लिए तैयार हो रहा है | इस समय दर्द का मुख्य चिंता का कारण शिशु का समय से पहले जन्म लेना | कई बार महिलाओं के नॉवे महीने में दर्द होने का मतलब हमेशा यह नही होता कि शिशु का अब जन्म होने वाला है | जब तक आपके शरीर में उपस्थित पानी की थैली नही फटती उस समय तक दर्द होना केवल गलत संकेत देती है |
यदि आपकी डिलीवरी समय से पहले होती है | तो आपको पेट के नीचे की ओर दर्द होने लगेगा , इसके साथ ही साथ कमर में भी दर्द हो सकता है | मरोड़ के साथ पतले दस्त हो सकते है | ऐसी स्थित्ति में आपको महसूस होगा कि आपकी पानी वाली थैली फट गई है | और आपका गर्भाशय का टाइट हो जायेगा | लेकिन इसमें दर्द नही होता | ये जरूरी नही है की ये सभी अवस्थाएं नोवें महीने में ही हो यह अवस्था आपको पहले भी हो सकती है | ऐसे में आपको डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए | या फिर सीधे हॉस्पिटल में अपना चेकअप कराएँ |

जब गर्भवती महिला का प्रसव का समय समीप आता है , तो महिला को पेट में दर्द और मरोड़ महसूस होती है | इस समय महिला की अवस्था पुरे समय के समीप होती है | ,इसलिए मरोड़ का होना एक सामान्य बात है | जो इस बात की ओर संकेत करता है कि आपका प्रसव का समय नजदीक आ गया है | इस समय आप अपने आप का अधिक ध्यान रखे | ताकि आप और आपका बच्चा सुरक्षित हो |

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