नवरात्रों में ब्रह्मचर्य व्रत पालन क्यों करन
आवश्यक है :
नौ
रात्रों की पूजा अराधना हम मन की शांति और समस्त दुखों को हरने वाली और सभी प्रकार की समृद्धि, धन, वैभव, मान - सम्मान देने
वाली माँ भगवती को खुश करने के लिए करते है | और कुछ लोग अपनी आध्यात्मिक शक्ति को
बढ़ाने के लिए भी नवरात्रों की पूजा करते है | इन दिनों में हम सभी माता रानी के
भजन, जागरण, व्रत, योग साधना और ध्यान करते है | क्योंकि शास्त्रों के अनुसार हम
सब माँ दुर्गा को अपने घर में आमंत्रित करते है और उनके स्वागत में बहुत सारी
तैयारियां करते है इसलिए माता रानी के स्वागत में हमे अपने घर में पवित्रता रखनी जरुरी है. क्योकि जहाँ पवित्रता होती है माँ भगवती वहीँ पर निवास करती है. और जहाँ अपवित्रता होती है वो स्थान छोड़ देती है
इन 9 दिनों में माता
हमारे घर में वास करती है इसलिए नौ रात्रों के पवित्र दिनों में हमें कुछ नियमों का भी
पालन करना अनिवार्य है | जैसे घर में जब खाना बनाया जाता है तो प्याज और लहसुन का
उपयोग नहीं करते है और पूरी तरह से सात्विक भोजन या फलाहार का सेवन करते है | और
घर के प्रत्येक पुरुष और बच्चों को बाल और दाडी मूंछ नहीं कटवानी चाहियें | मांस
और मदिरा का तो कभी भी प्रयोग नहीं करना चाहिए | और हमें अपनी पत्नी के साथ शारीरिक
सम्बन्ध बनाने से भी परहेज करना चाहिये क्योंकि शारीरिक सम्बन्ध बनाने के
पश्चात हमारे शरीर से कुछ उर्जा का स्त्राव होता है जिसके
कारण हमें उदासी घेरने लगती है निंद्रा और आलस्य आकर हमें घेरने लगता है और
हम शीघ्र ही नकारात्मक शक्तिओं की चपेट में आ जाते है| इसी लिए हमें नौरात्रों में तन, मन और वचन की पवित्रता रखना
जरूरी होता है |
navraton ke dino mein hum shakti ki pooja karte hai unki aaradhna karte hai , jo mahilaye bimari rahati hai unhey 9 din ke vrat nahi karne chahiye, aisa karne se unki tabiyat or adhik bigad sakti hai, in dino mein hume purn roop se, pure vidhi vidhan se jap or niyam ka palan karna chahiye, kisi bhi prakaar ka nasha nahi karna chahiye, navraton ke dino mein hume shakti ki pooja karni chahiye, aakhri ke navraton mein vrat shardha or bhaav se karege to aapko pura laabh milega , mata rani ki kripa aap par bani rahegi. navraton ke dino mein falahaar ka sevan kare,
No comments:
Post a Comment