दिल की बीमारी में घिया का रस
अम्लपित्त में लौकी का जूस है लाभदायक,
पेट के रोग , और मोटापे को दूर करने में
प्रयोग होने वाला घिया का रस : -
सामग्री : -
घिया
:- 500 ग्राम
पुदीना के पत्ते :- 7 नग
तुलसी के पत्ते
:- 7 नग
इन सभी सामग्रियों को इक्कठा कर लें और इनका रस
निकालकर रोजाना सुबह के समय निराहार ( खाली पेट ) पीने से दिल की धमनियों में होने
वाली रुकावट ठीक हो जाती है | इस रोग के आलावा अम्लपित्त और पेट से जुडी हुई समस्याओं को
दूर करने के लिए प्रतिदिन घिये के रस का प्रयोग करना चाहिये |
लौकी के जूस का सेवन करने से आप हार्ट अटैक जैसी
घातक बिमारियों से आप मुक्ति पा सकते है.
सावधानी –
घिया और लौकी का रस निकालते समय आपको इस बात का
ध्यान रखना चाहिए की वो कच्ची लौकी हो.
लौकी पर केमिकल का प्रयोग न किया गया हो,
जूस निकलने से पहले साफ़ पानी में उसको धो ले, और
थोड़ी देर तक स्वच्छ पानी में डालकर छोड़ दे,
ghiya ka ras or juice ke bhaut adhik swasthy laabh hai , lauky or lauki ke rasa ka ausdhiye prayog bhaut baar batlaya gaya hai , ghiya ke ras ke fayde bhaut adhik hai dil ki bimari mein ghiya ka juice kaafi laabhkaari hai , kadwe lauki or ghiya ka juice peene se parhej kare,
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