आयुर्वेदिक तरीके से
पायें स्वस्थ जीवन :- पुराने समय से ही आयुर्वेदिक तरीके से बीमारयों का इलाज किया
जाता रहा है | आयुर्वेदिक विधि को अपनाकर कोई भी एक स्वस्थ जीवन पा सकता है | अपने
जीवन को स्वस्थ बनाने के लिए निम्नलिखित विधि अपनाना चाहिए |
मैडिटेशन
1 मैडिटेशन
2.प्रणायाम
3. जीभ की सफाई
4. स्वेदन
5. मसाज
इन सभी विधियों के
आलावा कुछ आसान की क्रियायें करें जो हम आपको इस लेख के माध्यम के बता रहे है |
आयुर्वेद से पायें स्वस्थ जीवन :- दुनिया का हर मनुष्य एक स्वस्थ जीवन
की कामना करता है | इसके लिए वह अपनी पूरी जिन्दगी इसी कोशिश में बिता देता है
| हर इन्सान स्वस्थ रहने के लिए हर तरह के
उपयोग करता है | कोई योग करता है तो कोई दवाओं का सहारा लेता है घरेलू उपचार करता
है | इन सभी उपचारों का प्रयोग करके वह चाहता है कि वह मानसिक और शारीरिक रूप से रोगों
से मुक्त रहें | अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए हमारे बताएं हुए 10 त्रिकोण का
अनुसरण करें |
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Prnayam Krne Ke Fayde |
1.
मेडिटेशन :- यह आयुर्वेद की बहुत
पुरानी तकनीक है | इस विधि का अनुसरण पूरी दुनिया में किया जा रहा है | मनुष्य
अपने स्वस्थ जीवन और एकग्रता को बढ़ाने के लिए मैडिटेशन का उपयोग करता है | मेडिटेशन
की विधि से आपका मन शांत रहता है और आप काफी आराम महसूस करते है | इसके आलावा मेडिटेशन
से आप खुद पर कंट्रोल कर सकते है | यदि आप हर समय तनाव में रहते है तो तनाव को दूर
करने के लिए मेडिटेशन विधि का उपयोग अवश्य करें | इस विधि को करने से आपको बहुत
फायदा होगा | मेडिटेशन में श्वास के साथ – साथ मूविंग मेडिटेशन या योग को भी शामिल
किया जाता है | आप जितना मेडिटेशन का अभ्यास करेंगे उतना ही आपके लिए आसान हो
जायेगा | स्वस्थ रहने के लिए सबसे पहले इस विधि का उपयोग करें |
2.
प्रणायाम :- अगर आप प्रणायाम करते है
तो इसके लिए आप खुले स्थान और खुली हवा का चुनाव करें | प्राणायम का मतलब है ,
अपने साँस को नियंत्रित करना | इसे करने से मनुष्य का मन और शरीर दोनों स्वस्थ रहते
है | प्रणायाम एक बहुत आसान किर्या है | कपालभाती प्रणायाम को सबसे अधिक
लोकप्रियता प्राप्त है | इस प्रणायाम में साँस को दोनों नाक से पूरी शक्ति से
निकालते है | कपालभाती प्रणायाम को करने से चेहरा कान्तियुक्त और तेज़मय होता है | इसके आलावा इस प्रणायाम को करने से प्रोटेस्ट .
किडनी , शुगर , दमा , ब्लडप्रेशर , मोटापा , कब्ज और गैस
जुडी हुई समस्या में लाभ मिलता है |
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JIBH KI SFAI |
जीभ की सफाई करना :- आयुर्वेद के
अनुसार स्वस्थ रहने के लिए जीभ की सफाई करना बहुत आवश्यक होता है | जीभ को टंग
स्कैर्पिंग से साफ़ करें | इससे आपके जीभ पर किसी तरह की बैक्टीरिया नही जमते | इस
स्कैर्पिंग से जीभ की हर दिशा में घुमाएँ और इसके बाद कुल्ला कर लें | इससे आप जमस
रहित भोजन खा सकते है और बिमारियों से बच सकते है |
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Massage Kaese Or Kis Tel Se Krna Chahiye |
मसाज :- मसाज करने से शरीर को बहुत
लाभ मिलता है | इससे मनुष्य के शरीर में ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है | आपकी
स्किन पर कसाव मिलता है और मासपेशियाँ मजबूत होती है | मसाज करने से शरीर के साथ –
साथ मन पर भी अच्छा असर पड़ता है | मनुष्य यदि अपने – आप को तनाव से दूर रखना चाहता
है या हल्का महसूस करना चाहता है तो इसके लिए मसाज से बेहतर और कोई इलाज नही हो
सकता | आयुर्वेद में मसाज करने के लिए नारियल का तेल और तिल के तेल का उपयोग करने
की सलाह दी है | मसाज करने के लिए तिल के तेल को हल्का गर्म कर लें | इसके बाद हल्के
हाथ से मसाज करें |
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Svedan Kriya Kis Trah Se Kren |
स्वेदन :- इसका अर्थ है पसीना बहाना |
जब आपकी स्किन ताप के सम्पर्क में आती है तो उसमे शरीर की अशुदियाँ पसीने के
द्वारा शरीर से बाहर निकल जाती है | इसके आलावा पसीना निकलने से सर्कुलेशन भी बढ़ता
है | जिससे आपके शरीर को जितनी जरूरत होती है उतना ही पानी बचता है | स्वेदन एक
आयुर्वेदिक स्पा ट्रीटमेंट है | इस ट्रीटमेंट में पहले पुरे शरीर की तेल से मसाज
की जाती है , इसके बाद स्टीम दी जाती है | ऐसा करने से शरीर के रोंमछिद्र खुल जाते
है और शरीर से सारी अशुधियां निकल जाती है | इस विधि के आलावा आप व्यायाम या दौड़
कर सकते है |
दोपहर के समय भारी खाना खाएं :- आयुर्वेदिक
चिकित्सक का मानना है कि मनुष्य को सुबह के समय हमे हल्का भोजन करना चाहिए और
दोपहर के समय थोडा भारी खाना खाएं | क्योकि दोपहर के समय हमारे शरीर की पाचन शक्ति
तेज़ होती है | पुन्तु इसका अर्थ यह बिल्कुल भी नही है कि जरूरत से अधिक भोजन करें
|
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ADRAK VALI CHAY |
अदरक की चाय और गर्म पानी का सेवन :- आयुर्वेद
में यह कहा गया है कि ठंडे पानी के सेवन करने से मनुष्य की पाचन किर्या मंद पड़
जाती है | हमे हल्का गुनगुना पानी पीना चाहिए | इसके आलावा अदरक वाली चाय का भी
सेवन करना चाहिए क्योंकि अदरक वाली चाय मनुष्य का पाचन क्षमता को बढाता है | सबसे
पहले कुछ दिनों तक एक कप चाय का सेवन करें | अगर इससे आपको फर्क लगने लगे तो दिन
में कम से कम दो बार अदरक वाली चाय का सेवन करें |
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Dopher Ke Smay Kaesa Bhojn Krna Chahiye |
भावुक होने पर न खाएं :- अगर आप भावुक
हो तो आपका सारा ध्यान भोजन पर नही होता | इससे आपके पाचन किर्या में बाधा आ सकती
है | भावुक होने से आपका मन संतुष्ट नही होता | इसलिए जब तक आप नोर्मल नही होते तब
तक भोजन ना खाएं |
स्वस्थ रहने के
चमत्कारी आठ नुस्खें | Prnayam
Krne Ke Fayde, Massage Kaese Or Kis Tel Se Krna Chahiye , Svedan Kriya Kis Trah
Se Kren , Dopher Ke Smay Kaesa Bhojn Krna Chahiye |
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