उर्ध्वपादतल संयुक्तासन
इस आसन का लाभ सभी व्यक्ति उठा सकते है क्योंकि
ये आसन हर व्यक्ति के लिए सरल और आरामदायक है तथा इस आसन का रोजाना अभ्यास करने से
मनुष्य के शरीर की हर बीमारी जल्द ही दूर होकर जड़ से खत्म हो जाती है. आसन की
प्रयोग विधि इस प्रकार से है.
उर्ध्वपादतल संयुक्तासन की विधि –
स्टेप 1.समतल भूमि पर अपने दोनों हाथों को
अपने सिर के नीचे रखकर या फिर बराबर में फैलाकर, बिल्कुल सीधे लेट जाए.
स्टेप 2. अब धीरे-धीरे सांस को अन्दर लेते हुए
अपने दोनों पैरों के तलवों को आपस में मिलाकर अथवा मोड़कर लेट जाये.
स्टेप 3.अपनी क्षमता के अनुसार सांस को कुछ क्षण
तक रोके और घबराहट होने से पहले अपने पैरों को सीधा करते हुए रुकी हुई सांस को
बाहर निकाल दें तथा फिर अपनी पहली वाली स्थिति में वापस आ जाये. इसी तरह से इस
क्रिया का अभ्यास बार-बार करने का प्रयास करें.
Yogasana for Digestive System in Hindi , संयुक्तासन , पाचन तंत्र और लीवर के लिए योगासन |
उर्ध्वपादतल संयुक्तासन के लाभ -
@-इस आसन का रोजाना अभ्यास करने से हमारी
स्मरण शक्ति तो बढती ही है साथ हमारी आखों की रोशनी भी बढ़ जाती है.
@-यह आसन हमारे शरीर की बढ़ी हुई संरचना को कम कर
देता है अथवा शरीर की आकृति को सामन्य रूप में कर देता है जिससे हमारा शरीर सुन्दर
और सुडोल लगने लगता है.
@-इस आसन को करने से हमारी पाचन क्रिया ठीक से
कार्य करने लगती है और हमारे दांत मजबूत हो जाते है.
@-इस आसन का प्रयोग हर व्यक्ति महिला या पुरुष
दोनों ही कर सकते है.
@-आसन करने से हमारे शरीर के सभी अंग पुष्ट और
मजबूत हो जाते है साथ ही हमारा मस्तिष्क तेजी से कार्य करने लगता है और हमारा शरीर
का हर रोग दूर होकर स्वस्थ हो जाता है.
नोट - इस आसन का प्रयोग गर्भवती स्त्रियों को
नहीं करना चाहिए परन्तु गर्भाशय होने के बाद स्त्रियाँ इस आसन का लाभ उठा सकती है.
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